निकाय चुनावः देहरादून में 54 वार्डों के परिसीमन में बड़ी गड़बड़ी, DM को दिए गए ये निर्देश

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खबरनामा/ देहरादून: उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर बड़ा अपडेट आ रहा है। बताया जा रहा है कि निकाय चुनाव से ठीक पहले किए गए नगर निगम देहरादून के 54 वार्डों के परिसीमन में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। निगम के अधिकारियों ने किसी वार्ड में छह हजार तो किसी में 11 हजार से ज्यादा वोटर शामिल कर दिए। जबकि, मानक 8040 तक का है। शासन ने निगम की परिसीमन रिपोर्ट लौटा दी है। मामले में डीएम ने दोबारा परिसीमन के आदेश दिए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में चुनाव से ठीक पहले राजधानी के आसपास के गांवों को निगम क्षेत्र में शामिल करते हुए परिसीमन किया गया था। इसके बाद वार्डों की संख्या 60 से बढ़कर 100 हो गई थी। जुलाई 2022 में शासन ने नए सिरे से परिसीमन के आदेश दिए थे, जिसके बाद निगम ने पिछले साल अक्तूबर में परिसीमन पूरा करके रिपोर्ट डीएम के माध्यम से शासन को भेज दी थी। कुछ पार्षदों ने परिसीमन को लेकर शिकायत की।

उनका कहना था कि मानकों के हिसाब से परिसीमन नहीं हुआ है। इस पर शासन स्तर पर जब जांच की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, मानकों के हिसाब से एक वार्ड में 8040 से 10 प्रतिशत कम या 10 प्रतिशत अधिक तक वोटर हो सकते हैं, लेकिन निगम के परिसीमन में कहीं यह आंकड़ा 47 प्रतिशत (11,839) से भी अधिक है तो कहीं 23 प्रतिशत (6125) कम है। लिहाजा, शासन ने 54 वार्डों में यह गड़बड़ी पकड़ते हुए दोबारा परिसीमन के आदेश दिए।

डीएम सोनिका ने नगर निगम को दोबारा परिसीमन कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने सात दिन के भीतर इन वार्डों का दोबारा परिसीमन करने के आदेश दिए हैं।वर्ष 2017 का परिसीमन 2011 की जनगणना के आधार पर किया गया था। 2023 में भी वार्डों का परिसीमन इसी जनगणना के आधार पर हुआ है।

जनगणना 2011 के अनुसार देहरादून की जनसंख्या 8,03,983 है। इसके हिसाब से देहरादून के सभी 100 वार्डों की जनसंख्या मानक के अनुसार करीब 8040 होनी चाहिए। इसमें 10 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या यानि 8844 से किसी भी सूरत में ज्यादा नहीं होनी चाहिए, जबकि 10 प्रतिशत से कम जनसंख्या यानि 7236 से कम नहीं होनी चाहिए। इसी आंकड़े के बीच एक वार्ड की जनसंख्या होनी चाहिए, लेकिन जिस वक्त परिसीमन किया गया, इन नियमों की अनदेखी की गई।

वार्ड परिसीमन करने में समय लगता है। इस दौरान कई तरह की चुनौतियां भी होती हैं। इसके तहत वोटर को किसी प्रकार की परेशानी न हो इस बात का ध्यान रखा जाता है। परिसीमन में कई बातों का ख्याल रखा जाता है, जिसमें वोटर की विधानसभा नहीं बदलनी चाहिए। वार्ड में ब्लॉक बने होते हैं, ऐसे में परिसीमन के दौरान किसी ब्लॉक को भी नहीं तोड़ना है।


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