खनन के काले धंधे में शामिल सफेदपोशों के चेहरे ऐसे हुए बेनकाब
अपने अपहरण व फिरौती की गढ़ी थी कहानी ,अब हुई कार्रवाई
खबरनामा/ देहरादून। उत्तराखंड में हमेशा से ही खनन का करोबार सुर्खियों में रहा है। खनन माफियों का और खनन विभाग को लेकर कई चर्चाएं सामने आती रही है। इस बीच खनन निदेशक पर गाज गिरी है। बता दें कि अपने अपहरण व 50 लाख की फिरौती का मुकदमा दर्ज कराने वाले खनन निदेशक को गोपनीयता भंग करने पर शासन ने निलंबित कर दिया। इस पूरे मामले में खनन के काले धंधे में शामिल सफेदपोशों के चेहरे भी बेनकाब हुए।
अपर सचिव की ओर से जारी निलंबन आदेश में खनन निदेशक पैट्रिक पर कई गम्भीर आरोप लगाए गए हैं। 30 अप्रैल को निलंबन आदेश जारी किए गए। गौरतलब है कि खनन निदेशक ने कुछ दिन पूर्व ओमप्रकाश तिवारी पर अपहरण व 50 लाख की फिरौती का सनसनीखेज आरोप लगाया था। इस मामले मर्म मुकदमा दर्ज हुआ था।
लेकिन पैट्रिक के आरोपों में कई खामियां पाई गई। और अपहरण की कहानी समेत अन्य बिंदुओं पर शासन स्तर पर संज्ञान लिया गया। इसमें अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए सरकारी वाहन का निजी प्रयोग करने, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को अपने घर में निजी काम के लिए लगाने का भी आरोप लगा हैं. खनन निदेशक को निलंबन के दौरान आधा वेतन दिया जाना तय हुआ है. निलंबन के दौरान खनन निदेशक को सचिव खनन के कार्यालय में संबद्ध किया गया है.
इसके बाद ओमप्रकाश तिवारी ने पैट्रिक पर गम्भीर आरोप लगाए। तिवारी ने खनन के सम्बंध में।ओमप्रकाश तिवारी से की गई व्हाट्सएप्प चैट भी सबूत के तौर पर पेश की। जिसका पैट्रिक कोई खंडन नहीं कर पाए।इस पूरे खेल में खनन के गोरखधंधा का भी खूब पर्दाफाश हुआ। सीएम धामी ने मामले की शासन स्तर पर जॉच कराई। इसके बाद खनन निदेशक को निलंबित कर दिया गया।
खनन निदेशक एस एल पैट्रिक पहले भी कई विवादों में रहे हैं. खनन निदेशक होने के बावजूद उनके परिवार के सदस्य के भी खनन व्यवसाय में होने की चर्चाएं भी लगातार बनी रही. पिछले दिनों उनके द्वारा कराए गए मुकदमों को लेकर भी उनकी भूमिका संदिग्ध मानी जाती रही है.