20 साल के इकलौते बेटे की मौत से टूटा गरीब परिवार, हल्द्वानी से बेरिनाग ऐसे ले गए शव
हल्द्वानीः देवभूमि में सरकार भले ही तमाम दावें कर लें लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और सुविधाओं की कमी जस की तस बनी हुई है। संवेदनाएं मर रही है। दिल को झकझोर कर रख देने वाला सामने आया है। परिवार एंबुलेंस के लिए पैसे न होने के कारण बेटे के शव को टैक्सी की छत पर बांधकर ले जाने को मजबूर हो गए। विडंबना की जिस बेटे को बुढे मां-बाप ने बुढ़ापे का सहारा बनेगा करके पाला, लेकिन वहीं बेटा काम करने आया और 20 साल की उम्र में ही अज्ञात कारणों के चलते विषैला पदार्थ गटक लिया। जिससे उसकी मौत हो गई। परिवार बेटे के शव को पैसे न होने के कारण टैक्सी में बांध 195 किमी सफर करने को मजबूर हो गया।
पहाड़ में ही खेती बाड़ी करते हैं बुजुर्ग पिता
मिली जानकारी के अनुसार तमोली ग्वीर बेरीनाग पिथौरागढ़ निवासी शिवानी हल्दूचौड़ में एक कंपनी में करीब छह महीने से काम कर रही थी। घर में माता-पिता एक भाई और एक बहन हैं। पिता बुजुर्ग होने के कारण पहाड़ में ही खेती बाड़ी करते हैं। उसने अपने भाई अभिषेक कुमार (20) पुत्र गोविंद प्रसाद को भी कंपनी में काम करने बुला लिया। दो महीने पहले ही अभिषेक हल्दूचौड़ पहुंचा। वह काम कर रहा था लेकिन शुक्रवार सुबह दोनों बहन भाई काम करने तो गए पर एक घंटा काम करने के बाद अभिषेक ने सिर में दर्द होने की वजह से कंपनी से छुट्टी ली और घर गया।
इस हाल में मिला था भाई
बताया जा रहा है कि इसके बाद उसकी बहन ने उसे कई बार कॉल किया। लेकिन अभिषेक ने कॉल नहीं उठाई। दिन में खाना खाने के समय शिवानी घर गई, तो वहां दवाई की बदबू आ रही थी। लेकिन घर में कोई नहीं था। करीब ढ़ाई बजे पुलिस ने शिवानी को सूचना दी कि उसका भाई रेलवे पटरी के पास बेसुध गिरा है। पुलिस की मदद से अभिषेक को सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया। जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर घर पर सूचना के बाद रिश्तेदार भी बेरीनाग से हल्द्वानी पहुंच गए। उधर शनिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया।
दो बहनों का इकलौता भाई था मृतक
लेकिन अब इनके सामने शव को गांव को ले जाने की चुनौती थी। पिथौरागढ़ तक बेटे के शव ले जाने के लिए एक परिवार के पास पैसे नहीं थे। एंबुलेंस चालकों ने 10 से 12 हजार रुपये तक की मांग कर दी। ऐसे में परिवार ने अपने गांव के बोलेरो चालक को बुलाया और शव को बोलेरो की छत पर बांधकर पिथौरागढ़ ले गए। अभिषेक घर का इकलौता पुत्र था। उसकी दो बहनें हैं। परिवार का घटना से बुरा हाल है। परिवार में कोहराम मचा हुआ है।