उत्तराखंड STF को मिली बड़ी कामयाबी, शहीद के परिजनों से ठगी करने वाले गिरोह का भंड़ाफोड़

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STF ने दिल्ली NCR से 5 साइबर ठगों को किया गिरफ्तार, ऐसे बनाते थे शहीदों एवं सेवानिवृत्त नागरिकों को शिकार

खबरनामा/ देहरादून: उत्तराखण्ड एसटीएफ को बड़ी कामयाबी मिली है। एसटीएप ने दिल्ली एनसीआर में छापा मारकर शहीद के परिजनो से ठगी करने वाले साईबर ठगों को एक गिरोह का किया भण्डाफोड़ किया है। एसटीएफ ने न सिर्फ गिरोह का भंडाफोड किया है बल्कि पांच आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। बताया जा रहा है कि ये कार्रवाई कारगिल युद्ध में कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद के परिजनों से की गयी लाखों रूपये की धोखाधड़ी के मामले में की गई है। मामले का खुलासा करने वाली टीम को जहां 10,000 रु० ईनाम से पुरुस्कृत किया गया वहीं जनता से सावधानी बरतने की अपील की गई है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षत आयुष अग्रवाल द्वारा मामले का खुलासा करते हुए बताया गया कि आरोपियों द्वारा शहीदों के परिजनों को कॉल कर स्वयं को मुख्य सतर्कता अधिकारी (रक्षा मंत्रालय) एवं सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी बताकर लाखों की धोखाधडी की गयी थी। बताया जा रहा है कि चूकिः यह प्रकरण शहीद के परिजनों को मिले सम्मान की एवज में धोखाधडी किये जाने को लेकर था जोकि गम्भीर एवं संवेदनशील प्रकरण था। ऐसी धोखाधडी प्रथम बार उत्तराखण्ड साईबर पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुई थी जिसका अनावरण उत्तराखण्ड एसटी०एफ० को एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।

उन्होंने बताया कि  कुछ दिन पूर्व साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड देहरादून पर गुमानीवाला निवासी वरिष्ठ नागरिक द्वारा सूचना दर्ज कराई कि मेरा बेटा जो आर्मी में कैप्टन था, कारगिल की लड़ाई में शहीद हो गया था तथा उनको मरणोपरान्त कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। माह फरवरी 2024 में अज्ञात व्यक्ति के द्वारा मोबाइल से कॉल कर स्वंय को सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी व मुख्य सतर्कता अधिकारी (रंक्षा मंत्रालय) कार्यालय भारत सरकार से बताकर उनसे कीर्तिचक्र का ग्रान्ट निरस्त होने की बात कहकर कुल 44,46,080/- रुपये पोसापही से जमा करा दिये गये। परन्तु कोई भी रकम शिकायकर्ता के खाते में जमा नहीं करायी गयी। तब शक होने पर शिकायतकर्ता द्वारा सैनिक कल्याण बोर्ड उत्तराखण्ड देहरादून से सम्पर्क किया गया तो इस फर्जीवाडे का पता चला। 

एसटीएफ की साईबर पुलिस द्वारा इस गिरोह के 05 सदस्यों की गिरफ्तारी कर उनके कब्जे से 20-मोबाईल फोन, 02-लैपटॉप, 42-सिम कार्ड, 42-डेबिट कार्ड, 15-फर्जी पहचान पत्र आधार कार्ड, पेन कार्ड आदि एवं 1,07,500/- रुपये (एक लाख सात हजार पाँच सौ रुपये) नगद बरामद किया गया है।गिरफ्तार किये गये साईबर अपराधियों द्वारा विगत 06 माह से दिल्ली एनसीआर में एक कॉल सेन्टर संचालित कर शहीदों के परिजनों एवं सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों से ठगी की जा रहीं थी। आरोपी शहीदों एवं सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों के नाम व मोबाईल नम्बरों की जानकारी गूगल व अन्य माध्यम से प्राप्त कर, अंजाम देते थे धोखाधड़ी। 

आरोपियों की पहचान

1. कपिल अरोड़ा पुत्र स्व० हरीचन्द नि043 ए रशीद मार्केट गली नं0- 7 बाना जगतपुरी नियर भगत सिंह रोड़ दिल्ली 51, उम्र 33 वर्ष
2. राहुल कुमार दत्ता पुत्र अजीत कुमार दत्ता नि० न्यू स्टेट बैंक कालोनी निवर शिव मन्दिर धामपुर बिजनौर उम्र 34 वर्ष
3. रवि सैनी पुत्र राम अवतार सिंह नि० एम-8 ब्लाक निकट डीएवी चौक सेक्टर 12 प्रताप विहार गाजियाबाद उम्र 33 वर्ष

4. राजेश कुमार यादव पुत्र रविन्द्र यादव नि० ग्राम गोरखपुर थाना रसड़ा जिला बलिया उम्र 32 वर्ष
5. अनुराग शुक्ला पुत्र विनोद कुमार शुक्ला नि० 135 रामपुरम श्याम नगर थाना चकेरी निकट सरयु प्रसाद स्कूल जिला कानपुर उ0प्र0, उम्र 33 वर्ष

STF की आमजन से अपील

वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस०टी०एफ० उत्तराखण्ड आयुष अपवाल द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों, फर्जी साइट, धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अनजान अवसरों के प्रलोभन में न आयें। किसी भी प्रकार के ऑनलाईन कम्पनी की प्रौन्चाईजी लेने, यात्रा टिकट आदि को बुक कराने से पूर्व उक्त साईट का स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से पूर्ण वैरीफिकेशन व भली-भाँति जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केवर का नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन से सम्पर्क करें। वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरुन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें। इसके अतिरिक्त गिरफ्तारी के साथ-साथ साईबर पुलिस द्वारा जन जागरुकता हेतु अभियान के अन्तर्गत हैलीसेवा वीडियो साइबर पेज पर प्रेषित किया गया है। जिसको वर्तमान समय तक काफी लोगो द्वारा देख कर शेयर किया गया है।


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