Uttarakhand Nikay Chunav: थम गया प्रचार का शोर, धारा 144 लागू, इन नियमों का करना होगा पालन

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देहरादूनः उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर होने वाले प्रचार का शोर अब थम गया है. प्रचार के आखिरी दिन सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए पूरी ताकत झोंकी। जिसके बाद अब प्रशाचन ने मोर्चा संभाल लिया है। बता दें कि प्रचार थमने के साथ ही प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है। साथ ही अब कोई भी राजनीतिक दल सार्वजनिक रूप से बैठक नहीं करेगा, किसी तरह के लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं होगा, कहीं पर भी 5 से अधिक लोग जमा नहीं हो सकेंगे। अब 23 जनवरी को मतदान होगा।

रहेगा यह प्रतिबंध, अलर्ट पर पुलिस

बता दें कि पिछले कई दिनों से जोर-शोर से चल रहे चुनावी प्रचार पर अब विराम लग गया। 24 घंटे सुनने को मिलने वाला शोरगुल अब शांत हो गया है। अब प्रत्याशी डोर टू डोर जाकर मतदाताओं से मतदान की अपील कर सकते हैं। साथ ही धारा 144 लागू हो गई है। प्रचार का माध्यम जनसभा, रैली, अनाउंसमेंट इत्यादि पर प्रतिबंध लग गया है। रिक्शा, ऑटो व अन्य प्रचार के वाहनों से लाउड स्पीकर, एलईडी स्क्रीन इत्यादि उतरी जा रही हैं। उधर चुनाव को शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष संपन्न करवाए जाने को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। शहर में जगह-जगह नाकेबंदी कर गुजर रहे वाहनों की तलाशी ली जा रही है।

मतदान में बैलेट पेपर का इस्तेमाल

बता दें 100 नगर निकायों के लिए 23 जनवरी को मतदान होना है। इस बार मैदान में 5 हजार 405 प्रत्याशी अपनी किस्मत अजमा रहे हैं. 30.29 लाख मतदाता अपने मत का इस्तेमाल कर छोटी सरकार चुनेंगे. इस बार निकाय चुनाव में होने वाले मतदान में बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा. जबकि राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार बैलेट पेपर में भी नोटा मतदान का ऑप्शन दिया है.

5405 प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में होगा कैद

23 जनवरी को मतदान के बाद 5405 प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में कैद हो जाएगा. 11 नगर निगमों में मेयर की कुर्सी के लिए 72 प्रत्याशी मैदान में हैं. 89 नगर पालिका और नगर पंचायतों में अध्यक्ष पदों के लिए 445 प्रत्याशी और सभी निकायों में पार्षद-वार्ड सदस्य के पदों के लिए 4888 प्रत्याशी मैदान में हैं.

मीडिया में विज्ञापनों को अनुमति

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल गोयल ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के अनुपालन के तहत प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पूर्व में प्रसारित किए जा रहे विज्ञापनों को प्रसारित किया जा सकता है. बशर्ते कि वे निर्वाचन परिणामों को प्रभावित करने, प्रत्याशियों या राजनीतिक दलों की संभावना को बढ़ावा देने या प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली किसी भी से मुक्त हों.

प्रिंट मीडिया में केवल ऐसे विज्ञापनों की अनुमति दी जाएगी जिनमें निर्वाचकों से मतदान करने की अपील की जाए और सभी अचार संहिता के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रत्याशी, राजनीतिक दल या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधित साक्षात्कार, बैठक, बहस प्रसारित नहीं की जाएगी.


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