उत्तराखंड कांग्रेस साथ छोड़ने वाले नेताओं पर सख्त, नहीं मिलेगी एंट्री

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देहरादूनः उत्तराखंड कांग्रेस में पार्टी नेताओं का ‘हाथ’ का साथ छोड़ने का सिलसिला जारी है. 1967 से कांग्रेस में काम कर रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल के पार्टी छोड़ने के बाद आने वाले दिनों में कई नेताओं के कांग्रेस छोड़कर जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. ऐसा नहीं है कि कांग्रेस इस बात से अनजान है. लेकिन अब उत्तराखंड कांग्रेस ने भी ऐसे नेताओं के नाम को खंगालना शुरू कर दिया है जिनके कांग्रेस छोड़ने की संभावना दिखाई दे रही है.

मौजूदा स्थितियों को देखते हुए कांग्रेस के पार्टी पदाधिकारी भी तमाम नेताओं के पार्टी छोड़ने से चुनाव में इसका कोई असर नहीं पड़ने की बात कह रहे हैं. इतना ही नहीं, पार्टी के प्रदेश के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर, ने तो यहां तक कह दिया कि जिन भी नेताओं को कांग्रेस छोड़नी है, वह पार्टी को छोड़ सकता है. लेकिन वह पार्टी हाईकमान के सामने यह बात जरूर रखेंगे कि जो इस वक्त मुश्किल समय में कांग्रेस को छोड़ रहा है, उसे वापस भविष्य में पार्टी में ना लिया जाए.

लोकसभा चुनाव में भले ही दलबदल को लेकर कांग्रेस को कई झटके लग चुके हो. लेकिन अब कांग्रेस इन हालातों से खुद को बाहर निकालने की कोशिश में जुट गई है. हालांकि, कांग्रेस दल बदल कि राजनीति में भाजपा पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने की भी बात कहती रही है. कांग्रेस का कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के दबाव के कारण ही नेता पार्टी छोड़ रहे हैं. वहीं, भाजपा कांग्रेस के इन आरोपों को सिरे से नकारती हुई दिखाई देती है.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि कांग्रेस केवल आरोप लगाकर खुद की विफलताओं को छुपाना चाहती है. यदि कोई व्यक्ति बीजेपी में शामिल हो रहा है तो उससे उस पर चल रही जांच खत्म नहीं होती है. किसी पर कोई भी दबाव नहीं बनाया जा रहा. जो लोग भारतीय जनता पार्टी में आ रहे हैं, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों से प्रभावित होकर भाजपा का दामन थाम रहे हैं.


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