देहरादूनः उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता UCC लागू करने की तैयारियां जोरों पर है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने राज्य में की गई विभिन्न पहलों का जिक्र करते हुए कहा है कि देवभूमि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) इसी महीने लागू होगी। उन्होंने यहां कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां समान नागरिक संहिता कानून होगा।
नियमावली का विधायी विभाग में परीक्षण
प्रदेश में समान नागरिक संहिता गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को लागू हो सकती है। माना जा रहा है कि सरकार द्वारा 25 जनवरी के बाद कभी भी इस कानून को लागू किया जा सकता है। समान नागरिक संहिता की नियमावली बनाने के लिए गठित समिति ने विभिन्न सेवाओं जैसे विवाह संबंध विच्छेद लीव इन रिलेशनशिप व वसीयत आदि के लिए पंजीकरण शुल्क कम कर दिया है। नियमावली का विधायी विभाग में परीक्षण किया जा रहा है। साथ ही इसमें विभिन्न प्रकार के आवेदनों के लिए पंजीकरण शुल्क भी तय किया जा रहा है।
विभिन्न विभागों के 1500 कार्मिकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
समान नागरिक संहिता को धरातल पर उतारने के लिए ब्लाक स्तर के कार्मिकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए कार्मिकों को चिह्नित कर दिया गया है। प्रदेश में विभिन्न विभागों के लगभग 1500 कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण देने के लिए लिए एक संस्थान को जिम्मेदारी दी गई है, जो कार्मिकों को समान नागरिक संहिता की प्रक्रिया को समझाने और इन्हें लागू करने की जानकारी देगा।
शुल्क एक हजार रुपये से लेकर पांच हजार प्रस्तावित
समान नागरिक संहिता की नियमावली बनाने के लिए गठित समिति ने विभिन्न सेवाओं जैसे विवाह, संबंध विच्छेद, लीव इन रिलेशनशिप व वसीयत आदि के लिए पंजीकरण शुल्क प्रस्तावित किया था। यह शुल्क एक हजार रुपये से लेकर पांच हजार रुपये प्रस्तावित है। सूत्रों की मानें तो सरकार ने इसे काफी अधिक माना है। अब पंजीकरण शुल्क को कम से कम करने की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि यह शुल्क 100 रुपये से लेकर अधिकतम 500 रुपये तक रखा जाएगा। शुरुआत में आमजन को जागरूक करने के लिए कुछ माह यह व्यवस्था निश्शुल्क भी करने पर विचार चल रहा है।
गौरतलब है कि पहले माना जा रहा था कि धामी सरकार 1 जनवरी 2025 से राज्य में यूसीसी को लागू कर देगी। हालांकि, निकाय चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी होने की वजह से सरकार 23 जनवरी तक कोई फैसला नहीं ले सकती है। इस स्थिति में माना जा रहा है कि उत्तराखंड की धामी सरकार 26 जनवरी 2025 से यूसीसी लागू करने की घोषणा कर सकती है।