इस्लामी क्रांति के स्रर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामनेई ने की सेना की तारीफ, दी ये नसीहत

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Ayatollah Khamenei बोले-एक लम्हें के लिए भी नहीं रुकना चाहिए….

इस्लामी क्रांति के स्रर्वोच्च नेता रहबर आयतुल्लाह ख़ामनेई ने इस्लामी गणराज्य ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के कमांडरों एक समूह से मुलाक़ात में हालिया दिनों में सेना के प्रयासों और सफलताओं की जमकर तारीफ़ की है।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने कहा कि अल्लाह की मेहरबानी से देश की आर्म्ड फोर्सेज़ ने अपनी ताक़त और प्रभाव का एक अच्छा पहलू दिखाया है।

उन्होंने देश के सशस्त्र बलों की हालिया प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए कहा कि सेना ने ईरानी राष्ट्र का एक सम्माननीय चेहरा और देश की जनता की इच्छा शक्ति को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर साबित किया है।

सर्वोच्च नेता ने इस मुलाक़ात में सेना दिवस और इसी तरह आईआरजीसी के स्थापना दिवस की मुबारकबाद पेश करते हुए बल दिया कि हालिया दिनों में आर्म्ड फ़ोर्सेज़ को जो सफलताएं मिली हैं उसने दुनिया और वैश्विक पर्यवेक्षकों की नज़र में इस्लामी गणराज्य ईरान के बारे में भव्यता की भावना पैदा की है।

“सर्वोच्च नेता ने आगे कहा कि फ़ायर की गई मिसाइलों की तादाद या लक्ष्य को भेदने वाली मिसाइलों की संख्या, कि जिसपर दूसरा पक्ष अपना ध्यान केंद्रित किए हुए है, वह एक सेकेंडरी मुद्दा है कि जिसकी कोई ख़ास अहमियत नहीं है।

उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दा ईरान की जनता और सशस्त्र बलों की इच्छा शक्ति का ज़ाहिर होना और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उसका साबित होना है और यह वह चीज़ है कि जो विपक्षियों की नाराज़गी का विषय बना हुआ है।”

आईआरजीसी ने दमिशक़ में स्थित ईरानी दूतावास पर अवैध इस्राईली शासन द्वारा की गई अपराधिक कार्यवाही और हमले के जवाब में पिछले सप्ताह 300 से अधिक बैलिस्टिक, क्रूज़ और हमलावर ड्रोनों द्वारा जवाबी कार्यवाही की थी। जिसमें अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में स्थित कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।

यह ऑपरेशन कि जो विश्व का सबसे बड़ा ड्रोन और मिसाइल हमले के रूप में जाना जाने लगा है, इसको लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में व्यापक स्तर पर प्रतिक्रियाएं सामने आई और साथ ही इस कार्यवाही ने दुनिया भर के स्वतंत्रता प्रिय लोगों को ख़ुश कर दिया।

आर्म्ड फोर्सेज़ के कमांडरों के साथ मुलाक़ात में सर्वोच्च नेता ने सशस्त्र बलों द्वारा की गई कार्यवाही में सूझबूझ और कुशलता का ख़्याल रखे जाने की तारीफ़ की और कहाः “विभिन्न घटनाओं में लागत और उपलब्धियां साथ होती है, लेकिन जो बात सबसे ज़्यादा अहम है वह यह है कि सूझबूझ के साथ लागत कम हो लेकिन उपलब्धियां ज़्यादा हों, यह वह चीज़ है कि जिसको हालिया घटना में आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ने बहुत ही अच्छी तरह से अंजाम दिया है।” 

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने आईआरजीसी, सेना और पुलिस बल के प्रयासों और गतिविधियों की सराहना करते हुए ईरान की सशस्त्र बलों को दुश्मनों के सामने उत्तरदायित्व और आगे बढ़ने की पुनरावृत्ति के लिए नई सोच और नवाचार पर आधारित काम करने की सलाह दी।

“एक लम्हे के लिए भी नहीं रुकना चाहिए क्योंकि रुकने का मतलब है पीछे हटना, इसलिए हथियारों और तरीक़ों में नवीनता के साथ-साथ दुश्मन के तरीक़ों को जानना भी हमेशा एजेंडे में होना चाहिए।”

इस बात पर ज़ोर देते हुए कि ईरानी राष्ट्र की गरिमा दुनिया की नज़रों में सबसे ऊपर होनी चाहिए, सर्वोच्च नेता ने कहा:

“प्रतिभाशाली और रचनात्मक शक्तियों की पहचान करते समय, सर्वशक्तिमान ईश्वर पर पूर्ण विश्वास करें और उस पर भरोसा रखें और जानें कि मोमिनों की रक्षा को लेकर अल्लाह का वादा निश्चित और कभी भी बदलने वाला नहीं है।”

इस मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने आईआरजीसी, सेना और पुलिस के कमांडरों और विभिन्न रैंकों के परिवार वालों का विशेष धन्यवाद किया और कहा किः

“सबसे ज़्यादा दबाव और भार सशस्त्र बलों की पत्नियों और बच्चों पर होता है जो कठिनाइयों का सामना करते हैं।”

इस मुलाकात में आर्म्ड फोर्सेज़ के कमांडर जनरल बाक़ेरी ने ईरानी वर्ष 1402 के महत्वपूर्ण बदलावों और घटनाओं और इसी तरह ईरानी वर्ष 1403 के शुरुआती हफ्तों की घटनाओं, विशेषकर “अलअक़्सा तूफ़ान” और “सच्चा वादा” ऑपरेशन जैसे कार्यों का उल्लेख करते हुए इस्राईली शासन को दंडित करने की आधुनिकतम तैयारियों और क्षमताओं की एक संक्षिप्त रिपोर्ट पेश की।

सोर्स- पार्स टूडे


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