उत्तराखंड के उत्तरकाशी टिहरी बॉर्डर पर मौजूद 15 हजार फीट की ऊंचाई पर सहस्त्रताल ट्रैक में एक बड़ा हादसा हुआ. जिसमें करीब नौ लोगों की मौत हो गई.जानकारी के मुताबिक करीब 22 लोग सहस्त्रताल ट्रैक से लौट रहे थे, मौसम खराब की वजह से वह कुफरी टॉप पर फंस गए. इन्होंने 29 मई से ट्रैक करना शुरू किया था और 7 जून तक इनकी वापसी थी. ये सभी कर्नाटक और महाराष्ट्र के से आए थे.
मौसम के खराब होने के बाद ट्रैकर्स के गाइड ने सरकार से सहायता मांगी. जिसके बाद टिहरी प्रशासन ने अपने-अपने जिलों से एसडीआरएफ की टीमों को साजों सामान के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए कुछ कल्याण बेस कैंप भेजा. यहीं से सहस्त्रताल ट्रैक की चढ़ाई शुरू होती है. रेस्क्यू कर 7 और लोगों को बेस कैंप लाया गया. जबकि ज्यादा ठंड की वजह से पांच लोगों ने दम तोड़ दिया, चार की तलाश जारी है. खराब मौसम की वजह से फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया है.
बताया जा रहा है कि सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर मौसम खराब होने से फंसे 22 सदस्यीय ट्रैकिंग दल के रेस्क्यू हेतु संचालित अभियान में कुल 11 ट्रैकर्स वायु सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा नटीण हेलीपैड में लाये गये जिसमें 2 सिविल हेलीकॉप्टर के माध्यम से 8 ट्रैकर्स को सहस्त्रधारा देहरादून छोड़ा गया।
वर्तमान में 3 ट्रैकर्स नटीण में हैं, जिन्हें जिला मुख्यालय लाया जा रहा है। 2 ट्रैकर्स ट्रैक कर सिल्ला गांव पहुँच गये हैं। जिन्हें बचाव दल एवं एम्बुलेंस से भटवाड़ी होते हुए जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी लाया जा रहा है। दोनों ट्रैकर्स सामान्य हैं। सेना के चीता हेलीकॉप्टर के माध्यम से 05 शवों को नटीण हेलीपैड से जिला चिकित्सालय, उत्तरकाशी लाया जा रहा है।
खोज एवं बचाव अभियान हेतु घटना स्थल के लिए रवाना किये गये वन विभाग के 10 सदस्य, 2 राजस्व उपनिरीक्षक व 2 होमगार्ड सहित ग्राम सिल्ला के कुछ लोग ट्रैक मार्ग में हैं। रेस्क्यू अभियान के लिए सेना के दो चीता हेलीकॉप्टर, 2 सिविल हेलीकॉप्टर और एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी कार्रवाई के लिए तैयार रखा गया है। इसके साथ ही बैकअप के तौर पर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के कुल 05 पर्वतारोही दल लाटा गांव में तैनात किए गए हैं।
हेली सेवाओं के संचालन हेतु मातली हेलीपैड में ITBP एवं हर्षिल में सेना का सहयोग लिया गया। ITBP मातली से भी एक डॉक्टर एवं सीओ के नेतृत्व में 14 जवान घटना स्थल हेतु प्रातः को रवाना किए गए हैं। नटीण हेलीपैड पर समन्वय हेतु खण्ड विकास अधिकारी व नायब तहसीलदार तैनात किए गए हैं।अभियान के लिए मातली हेलीपैड और त्वरित कार्रवाई दल एनडीआरएफ की तैनाती की गई है।
मौसम खराब होने के कारण आज हेली रेस्क्यू कार्य रोक दिया गया है कल प्रातः पुनः हेली रेस्क्यू अभियान शुरू किया जाएगा। इस दौरान जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, मुख्य विकास अधिकारी जय किशन, अपर जिलाधिकारी रजा अब्बास, उप जिलाधिकारी भटवाडी ब्रजेश कुमार तिवारी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीएस रावत सहित अन्य अधिकारी समन्वय में जुटे रहे।