प्रेस कान्फ्रेस के बाद पुलिस ने सदर अली जफर को किया गिरफ्तार, प्रशासन पर गंभीर आरोप
मुरादाबादः संभल की शाही जामा मस्जिद के मंदिर होने के दावे के बीच सर्वे को लेकर हुए बवाल के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। इलाके में भारी पुलिस बल मौजूद है। एहतियात के तौर पर जिले में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा पर रोक लगी हुई है। स्कूल-कॉलेज बंद है। अब तक हिंसा में चार लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। तो वहीं शाही जामा मस्जिद के सदर एडवोकेट जफर अली ने प्रेस कांफ्रेंस कर पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
प्रशासन-पुलिस ने गुमराह किया, भ्रम में रखा
जफर अली ने दंगे का कारण संभल की एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा और सीओ अनुज चौधरी को बताया है। उन्होने कहा कि अफवाह के कारण लोग गुमराह हुए। गोली पुलिस ने चलाई। जफर के मुताबिक ये अफवाह फैली कि मस्जिद के अंदर खोदाई हो रही है, इसी के कारण हालात बिगड़े। कहा कि हमारे सामने पुलिस गोली चला रही थी। प्रशासन-पुलिस ने गुमराह किया, भ्रम में रखा. यह भ्रम एसडीएम संभल के कारण फैला. सीओ ने लोगों को गालियां दीं और लाठीचार्ज कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस गोली टांग पर भी मार सकती थी, लेकिन जान ले ली. ये भी कहा कि पुलिस पत्थरबाजी कर रही थी. वहां कोई नेता नहीं था. पुलिस-पब्लिक दोनों में पत्थरबाजी हो रही थी.
पुलिस की कार्रवाई के वक्त पूछा कि मेरा क्या कसूर
इस हिंसा के लिए प्रशासन जिम्मेदार है तो वहीं इस प्रेस कांफ्रेंस के कुछ देर बाद ही जफर को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस एक्शन और गिरफ्तारी पर शाही जामा मस्जिद के सदर (अध्यक्ष) जफर अली ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई के वक्त पूछा कि मेरा क्या कसूर है, मुझे क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है. इस पर पुलिस ने कहा, “आरोप ये है कि आपका रोल गड़बड़ है, इसलिए हिरासत में ले रहे हैं.”
पुलिस ने किया खंडन
वहीं शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली की हिरासत का पुलिस ने खंडन किया है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि शाही जामा मस्जिद के सदर को साक्ष्य के आधार पर हिरासत में लिया गया है.