लोकसभा चुनाव से पहले संगम नगरी प्रयागराज के लोग लामबंद होते नजर आ रहे हैं. यहां के नागरिक मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं. साथ ही वह प्रदर्शन कर राजनीतिक पार्टियों को सचेत कर रहे हैं. लोग शहर की कॉलोनी में रोड न बनने से नाराज हैं. उन्हें 16 सालों से सड़क का इंतजार है. भारी भरकम टैक्स देने के बाद भी उन्हें सड़क के बदले में सिर्फ कोरे आश्वासन मिले हैं. अब कॉलोनी के वाशिंदे इस चुनाव में ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का नारा लगा रहे हैं.
देश में लोकतंत्र के उत्सव लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी सियासी पार्टियां वोटर्स को रिझाने के लिए नए-नए दांव पेंच आजमाने में लगी हैं. इधर मतदाताओं ने प्रशासन और सियासी दलों पर दबाव बनाने के लिए अपने ब्रह्मास्त्र वोट बहिष्कार का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों से ही वोट बहिष्कार के मामले सामने आते थे लेकिन प्रयागराज में शहरी क्षेत्र में बहिष्कार का यह पहला मामला है. प्रयागराज में मतदाताओं ने अपने इलाके में सड़क न बनने पर वोट बहिष्कार का ऐलान किया है.
प्रयागराज शहर के झलवा इलाके में स्थित इरवो कॉलोनी में लोग ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का बैनर लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि बीते 16 सालों से कॉलोनी की सड़क नहीं बनी है. इस दौरान अधिकारी और नेताओं से कोरे आश्वासन मिले हैं. कॉलोनी में रहने वाले अजीत का कहना है कि इस कालोनी से डेढ़ करोड़ से अधिक टैक्स सरकार को हर साल दिया जाता है. यहां रहने वाले सभी लोग टैक्स पेयर हैं. बावजूद इसके यहां आज तक सड़क का निर्माण नही हुआ.
चुनाव आने से पहले ऐसी तस्वीरें अक्सर ग्रामीण इलाकों में देखी जाती थीं, लेकिन इस बार शहरी इलाके में मतदान बहिष्कार का प्रदर्शन हो रहा है. एरवो कॉलोनी सोसाइटी के अध्यक्ष ए.के तिवारी का कहना है कि पूरे कलोनी की जमीन पीडीए से लिया गया है. वाटर टैक्स , सीवर टैक्स सब कॉलोनी के लोग देते आ रहे हैं. बरसात के मौसम में स्थिति भयावह हो जाती है. आए दिन दुर्घटना होती रहती हैं. महिलाए भी बेहद परेशान हैं. बच्चो के लिए भी सड़क न बनना एक मुसीबत बना हुआ है.