देहरादूनः उत्तराखंड में अपराध बढ़ता जा रहा है। राजधानी देहरादून के थाना बसंत विहार क्षेत्र से सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां जीएमएस रोड पर स्थित अलकनंदा एनक्लेव में घर में घुस कर रिटायर्ड ओएनजीसी अधिकारी की चाकू से गोद कर निर्मम हत्या की गई है। मकान के पिछले हिस्से के बाथरूम में उनका शव मिला है। बुजुर्ग के छाती और पेट में अनगिनत वार किए गए थे। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
पड़ोसियों ने सुनी घर से चिल्लाने की आवाज, दहशत
मिली जानकारी के अनुसार देहरादून जीएमएस रोड के अलकनंदा एन्क्लेव में ओएनजीसी के पूर्व इंजीनियर 76 वर्षीय बुजुर्ग अकेले रहते थे। देर शाम पड़ोसियों ने उनके घर से चिल्लाने की आवाज सुनी। जिसके बाद पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया। सूचना पर थाना बसंत विहार पुलिस मौके पर पहुंची और घायल अवस्था में रिटायर्ड ओएनजीसी अधिकारी को अपने वाहन से अस्पताल लेकर पहुंची। जहां डॉक्टर ने बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है। वहीं पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है। साथ ही आसपास के लोगों से पूछताछ की गई और सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है।
घर की जल रही थी सारी लाइटे, घायल अवस्था में पड़े थे गर्ग
बताया जा रहा है कि अशोक कुमार गर्ग 2008 में ओएनजीसी में इंजीनियर पद से रिटायर्ड हुए थे। कुछ साल पहले ही उनकी पत्नी की मौत हो गई थी। मृतक की एक बेटी गुरुग्राम और चेन्नई में रहती है। अज्ञात आरोपियों ने अशोक कुमार के छाती और पेट में अनगिनत वार किए गए थे। बताया जा रहा है कि पुलिस जब मौके पर पहुंची तो घर की सारी लाइटें खुली थीं। घर के पिछले हिस्से में देखा तो वहां भी सारी लाइटें जल रही थीं। बाथरूम से कराहने की आवाज आ रही थी। पुलिस वहां पहुंची तो देखा कि बुजुर्ग अशोक कुमार गर्ग घायल अवस्था में पड़े थे।
मृतक को क्यों और किसने मारा, जांच जारी
बताया जा रहा है कि मकान के अगले हिस्से में अशोक कुमार रहते थे और पिछले हिस्से में किराएदार रहते थे। 30 नवंबर को किराएदार मकान छोड़कर गया था। इसके बाद उन्होंने मकान पर पेंट कराया और दरवाजे पर मकान खाली होने संबधी विज्ञापन लगा दिया। मकान में मेज पर दो चाय के कप मिले है। जिसको लेकर माना जा रहा है कि जो व्यक्ति वहां आया था गर्ग उसे पहले से जानते थे। हालांकि पुलिस इस मामले में कई एंगल से जांच कर रही है। मृतक को क्यों और किसने मारा इस बात की जांच की जा रही है। जांच के लिए एसओजी और पुलिस की तीन टीमों का गठन किया गया है।