श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के अंतिम नतीजे सामने आ गए हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने 49 सीटें जीतकर 10 साल के अंतराल के बाद हुए चुनाव में बहुमत हासिल किया है. एनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं.
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. एनसी को 42 सीटें मिली हैं. भाजपा 29 सीटें हासिल कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस को 6 सीटें मिली हैं. इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और मात्र तीन सीटें जीत पाई. जम्मू-कश्मीर पीपुल कॉन्फ्रेंस, सीपीआईएम और AAP के खाते में एक-एक सीट आई है. वहीं, निर्दलीय उम्मीदवारों ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की है.
एक भी सीट नहीं जीत पाई इंजीनियर रशीद की पार्टी
वहीं, कश्मीर घाटी में विधानसभा चुनाव के नतीजे चौंकने वाले हैं. अलगाववादी उम्मीदवारों को लोगों ने खारिज कर दिया है. यही वजह है कि इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी और जमात-ए-इस्लामी द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव में सफलता नहीं मिली. इंजीनियर रशीद की पार्टी का एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया. अवामी इत्तेहाद पार्टी ने 44 उम्मीदवार उतारे, लेकिन रशीद के भाई और पार्टी प्रवक्ता फिरदौस बाबा समेत कई प्रमुख नेता चुनाव हार गए और कई की जमानत जब्त हो गई.
जीत के बाद उमर अब्दुल्ला का बयान
नेशनल कॉन्फ्रेंस की चुनाव में जीत के बाद पार्टी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में नए दल और गुट बनाकर उनकी पार्टी को कमजोर करने की कई कोशिशें की गईं, जिनमें से सभी इस चुनाव में हार गए. पूर्व मुख्यमंत्री उमर ने गांदरबल और बडगाम सीटों पर जीत हासिल की. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीडीपी उम्मीदवारों को क्रमशः 10,000 और 18,000 से अधिक मतों से हराया.
बडगाम सीट के लिए रिटर्निंग ऑफिसर से जीत का प्रमाण पत्र लेने के बाद उमर अब्दुल्ला ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “पिछले पांच वर्षों में एनसी को खत्म करने की कोशिशें की गईं. यहां कई पार्टियां बनाई गईं, जिनका एकमात्र उद्देश्य एनसी को खत्म करना था. लेकिन, अल्लाह हमारे ऊपर मेहरबान रहा और जिन्होंने हमें खत्म करने की कोशिश की, वे इस चुनाव में खुद ही खत्म हो गए.”
उन्होंने कहा, “मैं बडगाम के मतदाताओं का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे वोट दिया, मुझे जीत दिलाई और मुझे एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा करने का मौका दिया.”