उत्तराखंड महिला मंच केंद्रीय समिति की बैठक में गूंजा महिला हिंसा का मुद्दा, उठाए ये मुद्दे

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खबरनामा/देहरादूनः उत्तराखंड महिला मंच केंद्रीय समिति सदस्यों की ऑन लाइन संपन्न मीटिंग के बाद , मंच की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा गया है कि यह एक गम्भीर चिंता की बात है कि इधर कुछ समय से पूरे देश में महिला हिंसा अपने क्रूरतम रूप में , बहुत तेजी से पावं पसार रही है। एक और हमारी सरकारें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के झूठे नारे को महिमा मंडित कर रही है और दूसरी और लड़कियों और औरतों के साथ खुले आम यौन हिंसा हो रही है। गैंग रेप हो रहे हैँ I

कलकत्ता की प्रशिक्षु डॉक्टर की जिस क्रूर तरीके से हत्या और बलात्कार किया गया है वह अमानवीयता की सारी हदें पार कर गया है। लेकिन ऐसा स्पष्ट लगता है वहां की सरकार जिसकी की मुख्यमंत्री स्वयं एक महिला है, गैंग रेप के आरोपियों को बचाने का प्रयास किया गया है जबकि डॉक्टरों के अनुसार सभी साक्ष्य यह बता रहे हैं कि इस जघन्य घटना में मात्र एक आरोपी हो ही नहीं सकता। उत्तराखंड में हुए अंकिता भंडारी हत्या कांड की तरह यहां भी आरोपियों को बचाने के लिए प्रशासन ने तुरंत घटना स्थल पर तोड़फोड़ कर दी ताकि मुख्य साक्ष्य मिटाए जा सकें।

अभी हम महिला मंच के साथी इस घटना के विरोध में प्रदर्शन की तैयारी कर ही रहे थे कि रुद्रपुर की नर्स को कुंठित हत्यारे ने लड़की को मारने के बाद उसके साथ रेप किया। हिंदुत्व का परचम उठाई यह सरकार क्या रोडवेज के उन कर्मचारियों ड्राइवर और कंडक्टर के साथ कैशियर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए तैयार होगी ? अपनी पोती के बराबर की नाबालिग बच्ची के साथ राजधानी देहारदून के आई एस बी टी में किए गए गैंग रेप पर चारों ओर चुप्पी छाई हुई है। लेकिन जो भाजपा कार्यकर्ता मणिपुर की वीभत्सतम महिला हिंसा के व उत्तराखंड में घट रही महिला हिँसा के सवाल पर कभी नहीं उठ खड़े हुए वे आज बंगलादेश के हिंदुओं को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं।

यह अत्यंत दुखद है कि उत्तराखंड , धीरे धीरे महिलाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए लगातार असुरक्षित बनता जा रहा है। जबकि यहां की आर्थिकी और सामाजिक व्यवस्था इन्हीं तबकों की मेहनत से चलती है। उत्तराखंड महिला मंच देश भर में होने वाली महिला हिंसा का पुरजोर विरोध करता है l वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और उत्तराखंड के मुख्य मंत्री को तत्काल राज्य में इस तरह की बढ़ती घटनाओं पर , स्वयं इसकी जिम्मेवारी लेने की मांग करता है और नैतिकता के आधार पर उनसे इस्तीफा देने की वकालत करता है।


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