लोकसभा चुनाव के हीरो राहुल गांधी को मिल सकती है ये जिम्मेदारी, की जा रही ये मांग

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कांग्रेस नेता चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव के हीरो राहुल गांधी विपक्ष के नेता बनें। 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। अब 2024 के आम चुनावों में कांग्रेस ने बीते 10 साल में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। पार्टी ने लोकसभा में 99 सीटें अपने नाम कर ली हैं। इस प्रदर्शन के बाद कांग्रेस संसद में नेता प्रतिपक्ष के पद का दावा करने की हकदार है। नतीजतन, राहुल गांधी को इस प्रतिष्ठित पद पर बिठाने के लिए आवाजें तेज हो रही हैं। कांग्रेस नवनिर्वाचित सांसद मणिकम टैगोर ने इस संबंध में एक्स पर पोस्ट भी लिखा है।

मणिकम टैगोर ने एक्स पर पोस्ट में पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से संसद के निचले सदन में कांग्रेस का नेता बनने का आग्रह किया। तमिलनाडु के विरुधुनगर से जीते टैगोर ने कहा, ‘मैंने अपने नेता राहुल गांधी के नाम पर वोट मांगा। मुझे लगता है कि उन्हें लोकसभा में कांग्रेस का नेता होना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि निर्वाचित कांग्रेस सांसद भी यही सोचते होंगे। देखते हैं कि कांग्रेस संसदीय दल क्या फैसला करता है। हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं।’

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी यही बात दोहराते हुए कहा, ‘राहुल गांधी ने इस चुनावी अभियान का नेतृत्व किया। वे पार्टी का चेहरा थे। लोकसभा संसदीय दल के नेतृत्व की जिम्मेदारी लेना उनका कर्तव्य है। राहुल गांधी अपने बारे में सभी निर्णय नहीं ले सकते। कुछ निर्णय पार्टी नेताओं/सांसदों को लेने होते हैं। निश्चित रूप से सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाएगा।’ कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने कहा, ‘…मुझे लगता है कि यह पद कांग्रेस के पास आएगा। मेरी निजी राय में, राहुल गांधी को खुद कांग्रेस की ओर से विपक्ष के नेता का पद संभालना चाहिए।’

राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था। अब उन्हें पार्टी की 2024 में शानदार वापसी का श्रेय दिया जा रहा है। सिर्फ कांग्रेस के नेता ही नहीं, बल्कि शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने भी राहुल गांधी की तारीफ की। राउत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘अगर राहुल गांधी नेतृत्व स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, तो हमें आपत्ति क्यों होगी? उन्होंने कई बार खुद को राष्ट्रीय नेता के तौर पर साबित किया है। वह लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। हम सभी उन्हें चाहते हैं और उनसे प्यार करते हैं। गठबंधन में कोई आपत्ति या मतभेद नहीं है।’

2004 में राजनीति में एंट्री करने के बाद से 53 वर्षीय कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसी संवैधानिक पद पर काम नहीं किया है, यहां तक कि जब उनकी पार्टी सत्ता में थी, तब भी नहीं। पिछले साल उन्हें मानहानि के मामले में संसद से निष्कासित कर दिया गया था, जब बीजेपी ने उन पर प्रधानमंत्री के उपनाम का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उनकी सीट पर वापस भेज दिया था।


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