देहरादूनः केदारनाथ उपचुनाव को लेकर जहां सरगर्मियां बढ़ती जा रही है। कांग्रेस और बीजेपी ने अभी तक अपने उम्मीदवार तय नहीं किए है। सुगबुगाहट तेज है, बीजेपी स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर चुकी है तो वहीं कांग्रेस के दावेदारों में ठन गई है। बताया जा रहा है कि केदारनाथ उपचुनाव के लिए कांग्रेस में पर्यवेक्षकों की ओर से प्रत्याशियों के पैनल दिल्ली भेजे जाने पर घमासान मच गया है। इसके तहत पर्यवेक्षकों ने प्रत्याशियों के नामों का पैनल तैयार कर उसे प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बजाय सीधे दिल्ली भेज दिया है।
प्रदेश प्रवक्ता और केदारनाथ विधानसभा सीट से दावेदार शीशपाल सिंह बिष्ट ने भी पर्यवेक्षकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि उपचुनाव को लेकर उन्होंने और 12 अन्य लोगों ने दावेदारी जताई है, लेकिन उपचुनाव के लिए भेजे गए पर्यवेक्षकों ने चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती और पक्षपातपूर्ण तरीके से प्रत्याशी चयन के लिए निष्पक्ष तरीके को दरकिनार कर दिया।
शीशपाल बिष्ट का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को विश्वास में लिए बगैर जिस मनमाने तरीके से पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हुई थी, वो एक गलती थी. इसी गलती की वजह से पक्षपात की आशंकाएं आकार लेने लगी थी, जो अब सच होती दिखाई दे रही है. प्रत्याशी चयन में अगर पर्यवेक्षकों को अपनी ही मनमानी करनी थी तो फिर अन्य लोगों से आवेदन क्यों करवाए गए? उनसे निर्धारित शुल्क क्यों जमा करवाया गया, ये अपने आप में बड़ा विषय है.
दिल्ली जाकर शिकायत करेंगे दावेदार:
केदारनाथ विधानसभा सीट से दावेदार शीशपाल सिंह बिष्ट ने साफतौर कहा कि इससे दावेदारों में भारी निराशा है. ऐसे में वो और अन्य दावेदार भी आज या कल दिल्ली जाकर इसकी शिकायत शीर्ष नेतृत्व से करेंगे. फिलहाल, केदारनाथ सीट पर कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर सिर फुटव्वल की स्थिति बनी हुई है.
गौरतलब है कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने केदारनाथ उपचुनाव को लेकर चार पर्यवेक्षक नामित किए थे. बताया जा रहा है कि पर्यवेक्षकों ने प्रत्याशियों के नामों का पैनल सीधे प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा को भेज दिया है. इस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आपत्ति जताई है. वहीं, केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में टिकट को लेकर अन्य दावेदारों ने भी पर्यवेक्षकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.