इतिहास दोहराने की तैयारी में करन माहरा ?

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देहरादून: उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए दोनों ही मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। इस सीट पर 20 नवम्बर को वोटिंग होनी है और 23 नवम्बर को नतीजे घोषित होंगे। वहीं भाजपा ने इस सीट से पूर्व विधायक रहीं आशा नौटियाल को टिकट दिया है तो वहीं कांग्रेस ने भी पूर्व विधायक मनोज रावत पर अपना भरोसा जताया है। साथ ही केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है।

साल 2022 के विधानसभा चुनाव और उससे पहले प्रदेश में जहां कांग्रेस डूबती हुई नज़र आ रही थी तो वहीं करन माहरा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस के लिए कई शुभ संकेत देखने को मिले है। इसका सबसे बड़ा उदहारण बद्रीनाथ और मंगलौर में हुए विधानसभा उपचुनाव है। इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस ने उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को पछाड़कर जीत हासिल कर कांग्रेस को एक बार फिर प्रदेश में डूबने से बचाया।

दरअसल इसी साल 10 जुलाई को उत्तराखंड की दो सीटों पर, बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। जिसके बाद 13 जुलाई को चुनाव नतीजे आये जिसने सबको चौंका दिया। इस उपचुनाव में दोनों ही सीटें कांग्रेस ने अपने नाम की। बद्रीनाथ विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार लखपत सिंह बुटोला ने 5095 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। ईवीएम के वोटों की गिनती में लखपत सिंह बुटोला को 27,696 वोट मिले हैं।

वहीं भाजपा के राजेंद्र सिंह भंडारी 22,601 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वहीं मंगलौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने 422 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को कुल 31,727 वोट मिले। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के करतार सिंह भड़ाना 31,305 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे।

प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में इन दोनों ही सीटों को उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने नाम करने के साथ ही प्रदेश में पार्टी को डूबने से बचाया। वहीं अब कांग्रेस के लिए केदारनाथ विधानसभा सीट भी काफी एहम है। अगर केदारनाथ विधानसभा सीट भी कांग्रेस जीतने में कामयाब रही रही तो अब प्रदेश में कांग्रेस एक बार फिर दमदार पार्टी बनकर उभरेगी क्योंकि केंद्र और प्रदेश में बीजेपी सरकार होने के बावजूद भी कांग्रेस ने उत्तराखंड की दोनों विधानसभा सीटें बद्रीनाथ और मंगलौर उपचुनाव में जीत हासिल की थी।

वहीं अब यह देखना भी काफी दिलचस्प होगा की जो भरोसा बद्रीनाथ और मंगलौर की जनता ने कांग्रेस पर जताया था क्या वहीं भरोसा अब केदारनाथ विधानसभा की जनता भी कांग्रेस पर जता पाएगी।


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