लेबनान में बमबारी का हिजबुल्लाह ने दिया जवाब, तेल अवीव में दागी बैलिस्टिक मिसाइल

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तुर्किए के राष्ट्रपति ने UN की महासभा में लिया ईरान का नाम, तो अमेरिका में भी हुए प्रदर्शन, की ये मांग

इजराइल की लेबनान में भारी बमबारी के जवाब में हिजबुल्लाह ने तेल अवीव में बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। ज़ायोनी सेना के रेडियो ने तेल अवीव पर हिज़्बुल्लाह के पहले मीसाइल हमले की ख़बर दी है। वहीं हिब्रू मीडिया ने स्वीकार किया कि हिज़्बुल्लाह ने केवल एक दिन में ज़ायोनी शासन के ठिकानों पर 400 से अधिक रॉकेट और मीसाइल दाग़े हैं।

बता दें कि अल जज़ीरा की बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार, ज़ायोनी सेना के रेडियो ने आज एलान किया कि: मौजूदा लड़ाई के दौरान हिज़्बुल्लाह का पहला मीसाइल तेल अवीव पर दाग़ा गया। ज़ायोनी सेना के रेडियो ने तेल अवीव की ओर हिज़्बुल्लाह के बैलिस्टिक मिसाइल को रोकने के लिए फ़्लाखान दाऊद मिसाइल सिस्टम को सक्रिय करने की भी ख़बर दी है। तेल अवीव पर आज के हमले के साथ, लेबनान के हिज़्बुल्लाह ने पहली बार ज़ायोनी लक्ष्यों के ख़िलाफ़, लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया।

वहीं अल-मयादीन समाचार एजेन्सी ने भी दक्षिणी लेबनान में अपने संवाददाता के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया है कि “क़ादिर-1” मिसाइल एक लंबी दूरी की मिसाइल है जिसका इस्तेमाल पहली बार इस युद्ध में किया गया था। हिब्रू मीडिया ने यह भी बताया कि सायरन बजने के कारण कुछ ही मिनटों के भीतर दस लाख ज़ायोनी तेल अवीव में आश्रयों में दाख़िल हो गए। हिब्रू भाषा के मीडिया ने तेल अवीव के उत्तर में नेतन्या, शारून और इमक़ हैफ़र में सायरन बजने की भी सूचना दी। इन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उल्लेखित आंकड़ा पिछले वर्ष ज़ायोनी दुश्मन के साथ युद्ध की शुरुआत के बाद से हिज़्बुल्लाह द्वारा दाग़े गए रॉकेटों और मीज़ाइलों की सबसे अधिक संख्या है।

वहीं तुर्किए के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में ईरान का नाम लेते हुए एक ऐसे देश के रूप में किया जो पश्चिम एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करना चाहता है। पश्चिम एशियाई क्षेत्र में संकट का जिक्र करते हुए तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में कहा: ईरान क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहता है।

पार्सटुडे के अनुसार, अर्दोग़ान ने ग़ज़ा पट्टी में इज़राइल के अपराधों की ओर भी इशारा किया और कहा कि अतिग्रहणकारी शासन ने इस ग़ज़ा पट्टी को क़ब्रिस्तान में बदल दिया है। तुर्किए के राष्ट्रपति ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कहा कि जो देश इज़राइल का समर्थन करते हैं वे इस शासन के अपराधों में भागीदार हैं, जिस तरह हिटलर को कुछ दशक पहले विश्व समुदाय ने रोका था, उसी तरह नेतन्याहू को भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा रोका जाना चाहिए।

तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने लेबनान के ख़िलाफ़ इजराइल के हमलों की ओर इशारा किया और कहा: इजराइल को अपने अपराधों की सज़ा मिलेगी और उसे अपने किए की क़ीमत चुकानी पड़ेगी। दूसरी ओर जब न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा आयोजित हुई, उसी समय अमेरिकी जनता ने युद्ध-विरोधी विरोध प्रदर्शन किये और लेबनान पर इज़राइल के हमलों को तत्काल रोकने की मांग की। अमेरिकी जनता ने वॉशिंगटन के इज़राइल को सैन्य समर्थन के खिलाफ़ देश के कई शहरों में प्रदर्शन किया।


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