हरीश रावत ने लगाई वीरेंद्र रावत के चुनाव के लिए आर्थिक सहायता की गुहार, जारी किया QR code

Spread the love

हरीश रावत द्वारा अपने सोशल मीडिया पर अपने बेटे वीरेंद्र रावत के चुनाव के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लगाई गई है. हरीश रावत के द्वारा कहा गया है कि मैं आपके संघर्ष का साथी हूं. मेरा मान रखें और साथ दे. इसी के साथ उन्होंने कहा है कि आप सभी के सहयोग का अभिलाषी मैं हरीश रावत जैसा कि आप सबको मालूम है कि हमारी पार्टी का खाता सीज कर दिया गया है.

बेटे के चुनाव प्रचार का सवाल है! इसी के साथ संसाधन का हमारे पास अभाव है. यदि आपके मन में मेरी मदद करने की भावना हो, तो कृपया कर हमारी हरिद्वार के लोकसभा सीट उम्मीदवार वीरेंद्र रावत को हमारे चुनाव खाते में ₹100 या उससे अधिक क्षमता और श्रद्धा हो उतना आप खाता संख्या में डाल दीजिए, ताकि हमारा चुनाव अभियान धन के अभाव के कारण ना रुक सके.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने बेटे और कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत के लिए हरिद्वार की जनता से वोट के साथ ही आर्थिक सहयोग करने की अपील की है. हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है, हमारी पार्टी का खाता सीज होने के कारण संसाधन का हमारे पास पूर्णता अभाव है. आपकी आर्थिक मदद से हमारा चुनाव अभियान चल सकेगा.

अभी लोकसभा चुनाव 2024 का समय है. हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत उत्तराखंड की हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में खर्च की सीमा 95 लाख रुपए तय की हुई है. हरीश रावत बेटे के चुनाव प्रचार के लिए पैसे नहीं होने का दावा करते हुए लोगों से आर्थिक मदद की अपील कर रहे हैं. कहीं हरीश रावत का सहानुभूति का शिगूफा तो नहीं? हरीश रावत राजनीति में हर फन के माहिर माने जाते हैं. वो जनता का मूड भांपने और उसे बदलने की कारीगरी भी जानते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कहीं हरीश रावत कांग्रेस उम्मीदवार अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए राजनीतिक सहानुभूति बटोरने के फेर में तो नहीं हैं. क्योंकि वीरेंद्र रावत का मुकाबला बीजेपी के प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से है.

हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. वो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. हरीश रावत का जन्म 27 अप्रैल 1948 को उत्तराखंड को अल्मोड़ा जिले में स्थित मोहनरी गांव में हुआ. वो 5 बार सांसद रह चुके हैं. 15वीं लोकसभा में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में वो जल संसाधन मंत्री रह चुके हैं. हरीश रावत केंद्र में संसदीय मामलों के मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, कृषि मंत्रालय के साथ श्रम और रोजगार मंत्रालय राज्य मंत्री के पदभार संभाल चुके हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में हरीश रावत दो सीटों से लड़े और मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव हार गए थे. 2019 में वो नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से बीजेपी के अजय भट्ट से बुरी तरह हार गए थे.


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *