भाजपा के मित्रों सम्भल जाओ वरना अगले चुनाव में महारानी की बेटी के पोस्टर चिपकाओगेः लोकेंद्र जोशी

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उत्तराखंड आंदोलनकारी लोकेंद्र जोशी ने कहा कि लोक सभा चुनाव प्रक्रिया एक बार फिर शूरू हो गई है। लोकतंत्र का पवित्र पर्व है। जहां जानता के आलावा पार्टियों के पसंदीद उम्मीदवार चुनाव मैदान में पार्टी हाई कमान उतारती थी। और जानता या पार्टी कार्यकर्ता अपने अपने उम्मीदवार को वोट, नोट और रोट तीनो चीजों को पवित्र पर्व पर देकर उत्साह मनाते थे। इसके घनसाली में तो त्रेपन सिंह नेगी ,इंद्रमणी बडोनी जी के अलाव बलवीर सिंह नेगी जी और मंत्री प्रसाद नैथानी जी उदाहरण हैं।आज ठीक विपरीत हो गया है। पार्टी हाई कमान गुरुर में है जो आम जनमानस, अपनी गुप्तचर एजेंसियों एवं वफादार कार्य कर्त्ताओं की न सुन कर ठीक उनकी जन भावनाओं के विपरीत लगातार खास कर टिहरी गढ़वाल लोक सभा सीट पर प्रत्याशी को थोप रही है। जिसका कारण माना जा रहा है कि चुनाव में पार्टी को अधिक धनराशि कहां से मिलेगा ?

लोकेंद्र जोशी ने कहा कि अगर टिहरी लोक सभा सीट की बात आगे बढ़ाते हुए कहें तो 14 विधान सभा सीट के 14 विधायक और उनके पार्टी के जिलाध्यक्ष के साथ साथ संघठन के शीर्ष नेतृत्व का आला कमान के सामने एक जुट होकर, एक आवाज नहीं उठा सकते ? न जाने कौन सी मजबूरी है? क्यों नहीं लोकतंत्रात्मक ढंग से नीतिगत विषय पर हाईकमान के सामने खुल कर बोलते कि तिहरी लोक सभा सीट पर अब बहुत हो गया ! प्रत्याशी बदलिए महारानी को छोड़ कर किसी अन्य को मौका दीजिए । लेकिन नहीं !? बहुत अफसोस है कि बड़ी बड़ी हांकने वाले, दुम हिलाए नजर आए और फिर पोस्टर चिपकाने शूरू कर दिए हैं।

परन्तु भाजपा के डिंगाऊ नेताओं यह कान खोल कर सुन लीजिए राज लक्ष्मी शाह जी का यह आखरी चुनाव नहीं बल्कि यह अगली पीढी के लिए पहले चुनाव की स्थापना है ! और मैं दावे के साथ लिख रहा हूं कि, महारानी शाह कुशल रहते हुए अगला लोक सभा के चुनाव में उनकी सुपुत्री तुम्हारी प्रत्याशी होंगी और तुम फिर पोस्टर चिपकाउ,।

माफी चाहते हुए अफसोस के साथ लिख भी रहा हूं, कि आप जैसे दुम हिलाने वाले लोगों की वजह से देश की पहले नम्बर की सीट लोक सभा में प्रतिनिधित्व करने वली सीट,विकास के नाम पर चंद वर्षों को छोड़कर,आखरी पायदान पर खड़ी है। जिसके उत्तरदायी “एक आदमी के नाम पर वोट दो! और अपने हाथ काट दो !” की वजह से गलत प्रतिनिधि को लोक सभा में भेजना है।परीणाम स्वरुप 24 वर्षो पहले राज्य बन जाने के बाद भी पूरी टिहरी लोक सभा सीट मूल भूत सुविधाओं से वंचित है। जिसके प्रतिनिधी ने कभी भी जन हितों के मुद्दे रहे दूर हर पांच साल में सांसद निधि वापस लौटाई जाती है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के मित्रों वाह रहे तुम्हारे हाई कमान ? भुला भाई सुख दुःख के साथी रमेश भाई निशंक का टिकट काट दिया ! और महारानी राज लक्ष्मी जी शाह को कोई न चाहने वालों को टिकट दे दिया ! आप लोग ही सही गलत का फैसला किजिए !

यह भी याद रखने लायक बात होगी कि आने वली पीढी इतिहास जब पढ़ेगी तो शर्म से सर झुका कर पढ़ेगी हमारे बाप दादा के द्वारा तब नेता और उनको गलत प्रतिनिधि का समर्थन कर चुनाव कर लोक सभा में भेजा जाता था जिनकी वजह से राज्य के सबसे बड़े बिकास खण्ड में कोई विश्व विद्यालय इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज तो दूर कोई कालेज नहीं खुलवा सके। बल्की शिक्षकाें के अभाव में शिक्षण संस्थान साल दर साल बंद होते गए।

वह जमाना जब हाई टेक्नोलॉजी और सुपर कंप्यूटर का इकसवीं सदी का जमाना था, किंतु दुखद था कि उसी टिहरी के लोक सभा क्षेत्र की विधान सभा घनसाली में बालिका शिक्षा के लिए उच्च शिक्षा का कोई केन्द्र न था। और बालिकाओं और उनके अभिभावकों के समक्ष होनहार बेटियो का कम उम्र में उनके भाग्य के भरोसे ब्याह करने के आलावा कोई विकल्प नही होता था।

जोशी बोले बड़ी शर्म की बात है कि हम ऐसे नेताओं के जयकारे लगा रहे हैं जिनके द्वारा लोक सेवा आयोग जैसी पवित्र संस्था पूरी बेची गई थीं ! कोई गरीब घर का लड़का सरकारी नौकरी न पा सका। विकास की योजनाओं की लूट मची हुई थी। और सत्ता की आड़ पर चंद दलालों का धंधा खूब फूला और फला !

 आने वली पीढी यह भी इतिहास रोते और शर्माते हुए यह भी वांचेगा कि एक लड़की अंकिता भंडारी इन्ही की सत्ता के सरकार में हत्या काण्ड पर  हमारी महिला सांसद होने पर भी कभी लोक सभा में सवाल नहीं उठा! और न ही राज्य महिला आयोग का मुंह कभी आवाज खोल सका। यह सवाल पांचों सांसदों के लिए है !

शर्म से सर और झूकेगा जब इतिहास के पन्नों पर अंकित होगा कि जिस छात्र “बॉबी”पंवार ने इन सब अन्याय एवं अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाई और राज्य के नौ जवानों को संगठित का सत्ता के दुर्पयोग का पर्दाफाश किया ! उसी बॉबी पंवार को वे भारी उत्पीड़न कर ,जेल के सलाखों में डाला गाया! उसके बैंक खातों की जांच पर मात्र पांच सौ रुपए से भी कम मिले।

यह सब संघर्ष करने और भारी उत्पीड़न सहने के बाबजूद भी उसी नौजवान बॉबी पंवार ने जब लोक सभा प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा तो उसे हराने के लिए भाजपा के तुम्ही लोगों के द्वारा होटलों और गांव गलियारों में ठहाके लगा कर विरोध में षडयंत्र रचा जा रहा । और उसे हराने का पूरी ताकत के साथ प्रयास किया जा रहा जो गलत कार्य तो है ही किंतु, वह षडयंत्र गलत साबित भी होगा। यह सब इतिहास में दर्ज हो कर अमिट रहेगा।

फिर भी पूर्व की भांति गलत फहमी में न रहें ! और स्वीकार करें कि आज का युवा, बुजुर्ग जिनमें महिलाए या अन्य वोटर भी समझ चुका है कि, भाजपा का प्रत्याशी लोक सभा के लिए बिल्कुल भी सुयोग्य नहीं है, वोटर यह भी जानता है कि यदि बॉबी पंवार चुनाव जीत कर भाजपा को समर्थन भी करता है तो भी टिहरी लोकसभा के आम जन मानस का हित होगा ! बजाय भाजपा के प्रत्याशी के चुनाव जीतने से!

इसलिए भाजपा के साथ खड़े नौ जवान अथवा अन्य सभी जिसमे वयस्क बूढ़े एवं महिलाएं और सभी मत दाता के लोगों को नेक सलाह दी जाती हैं कि टिहरी लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी “बॉबी पंवार” को रोट, नोट और वोट तीनो चीजों से मज़बूत बना कर विजयी बनाएं और लोक सभा में पहुंचाएं। इसी में लोक तंत्र जिंदा रहेगा और टिहरी लोक सभा का भला होगा ।


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