देहरादून: उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। राज्य को भूकंप की दृष्टि से जोन-4 और 5 में रखा गया है। प्रदेश का उत्तरकाशी जिला बड़े भूकंप से प्रभावित है। जिससे बड़ी तबाही हुई है। यहां एक बार फिर लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे है। आज भी जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। बीते छः दिन में आज छठी बार भूकंप आया है। जिससे लोगों में दहशत का माहौल है तो वहीं वैज्ञानिक भी इसे अलग-अलग दृष्टि से देख रहे है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी में शाम 3 बजकर 28 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.7 मापी गई। जिसकी गहराई जमीन से 5 किलोमीटर नीचे थी। बता दें कि उत्तरकाशी में लगातार भूकंप आ रहे हैं। गत शुक्रवार को जहां भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए थे। इनमें पहला झटका सुबह 7:41 बजे, दूसरा 8:19 और तीसरा 10:59 बजे पर महसूस किया गया, पहले दो झटकों की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर क्रमश: 2.7 और 3.5 थी, जिनका केंद्र भी उत्तरकाशी जनपद में ही स्थित था। जबकि तीसरा भूकंप की बहुत हल्का होने से इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर दर्ज नहीं हो पायी।
भूकंप के झटकों को चौबीस घंटे का समय भी नहीं बीता था कि शनिवार को दोबारा सुबह 5:47 बजे रिक्टर पैमाने पर 2.04 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र तहसील डुंडा के ग्राम खुरकोट और भराणगांव के मध्य वन क्षेत्र में कहीं था। भूकंप का ये झटका जिला मुख्यालय के साथ ही मनेरी, भटवाड़ी व डुंडा के कुछ क्षेत्र में महसूस किया गया। सके बाद शनिवार शाम को दोबारा 5:27 बजे भूकंप का एक और हल्का झटका आया। अब एक बार फिर से आज यानी 29 जनवरी को भूकंप आया है। लगातार आ रहे इन हल्के भूकंप के झटकों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
गौरतलब है कि 1991 और 1999 क्रमश: उत्तरकाशी और चमोली बड़े भूकंपों की त्रासदी झेल चुका है। लंबे समय से हिमालयी राज्य में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है हालांकि कई बार हल्के झटके महसूस किए गए है, जिसको लेकर भूवैज्ञानिकों के माथे पर भी शिकन दिखाई दे रही है। ऐसे में चिंतित होना लाज़मी है कि क्या राज्य में लगातार आ रहे हल्के झटके एक बड़े भूकंप को दस्तक दे रहा है? और राज्य में आखिर नए भूकंप केंद्र क्यों बन रहे हैं?
एक्सपर्ट की माने तो हिमालयी रीजन में इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट में घर्षण हो रहा है। दोनों ही प्लेट एक दूसरे के विपरीत जा रही है। जिसके तहत इंडियन प्लेट नॉर्थ की तरफ बढ़ रही है। जबकि, यूरेशियन प्लेट यानी तिब्बत प्लेट साउथ की तरफ जा रही है। इन दोनों प्लेटों के घर्षण से एनर्जी पैदा होती है। साथ ही भूगर्भ में मौजूद रॉक यानी चट्टान जब एनर्जी के प्रेशर को झेल नहीं पाती है तो रॉक टूट जाती है, जिसके चलते एनर्जी एक साथ बाहर निकल आती है, यही वजह है कि अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।
लगातार आ रहे हल्के झटके एक बड़ा संकेत है कि लोग या प्रशासन आगे के लिए सजग और तैयार रहे। उत्तराखंड भूकंप के लिहाज़ से अति संवेदनशील (जोन-4 और जोन-5) है. इसका मतलब यहां हमेशा एक बड़े भूकंप की आशंका बनी रहती है।