बिजली गिरने से 121 बकरियों की मौत, बादल फटने से जन जीवन अस्तव्यस्त, घरों में घुसा मलबा, मार्ग बंद
खबरनामा/देहरादूनः पहाड़ों पर जहां एक और पिछले कई दिनों से जंगलों में आग लगी हुई थी। ऐसे में अब पहाड़ों पर हुई भारी बारिश के चलते जहां वनों की आग थम गई है, तो वहीं अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में देर रात भारी बारिश और बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। इससे अफरा-तफरी मच गई। बागेश्वर के कपकोट में बादल फटने के कारण कई घरों में मलवा घुस गया. कई मकानों में दरार आ गई. मलवे और पानी के कारण अल्मोड़ा- बागेश्वर जिले को जोड़ने वाला हाईवे भी बंद हो गया. घटना से ग्रामीण रात भर दहशत में रहे. पहली ही बारिश में बागेश्वर नगर और कपकोट नगर क्षेत्र में जगह जगह सड़कें बंद हुई हैं. कई जगह घरों में पानी और मलबा घुसा है. गोगिना में बिजली गिरने से 121 बकरियों की मौत भी हो गई है. सरयू गोमती का जल स्तर खतरे के निशान के आस पास पहुंच चुका है. जिला प्रशासन लोगों से नदियों से दूर रहने की अपील कर रहा है
अल्मोड़ा के सोमेश्वर में बुधवार रात बहुत तेज बारिश होने से अफरा-तफरी मच गई. मूसलाधार बारश के कारण कई घरों में मलबा घुस गया. कई मकानों में दरारें आ गईं. मलवे और पानी के कारण अल्मोड़ा- बागेश्वर जिले को जोड़ने वाला हाईवे भी बंद हो गया और इस पर आवागमन ठप हो गया. बारिश और बाढ़ के रौद्र रूप से ग्रामीण सहम गए। करीब एक घंटे तक बारिश ने अपना तांडव दिखाया जिसमें लोगों का काफी हद तक नुकसान हो गया. किसी के घर मलबे से भर गए, तो किसी के घर में दरार आने से नुकसान हुआ. लोगों का जरूरत का सामान भी मलबे और पानी से बर्बाद हो गया. बारिश रुकने के बाद ग्रामीण अपने घरों की तरफ लौटे. मलवे के कारण अल्मोड़ा- कौसानी हाईवे भी बंद हो गया, जिससे वाहनों की आवाजाही भी बंद रही. कई वाहन मलवे में भी फंसे रहे।
इधर इस मूसलाधार बारिश से साईं और कोसी नदी भी उफान पर आ गई. बादल फटने की सूचना पर प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. अधिकारियों का कहना है कि घटना से किसी तरह की जनहानि नहीं हुई. नुकसान का आकलन किया जा रहा है. वहीं गढ़वाल मंडल में भी बारिश से भूस्खलन हुआ है. ऋषिकेश-बदीरनाथ नेशनल हाईवे पर सिरोबगड़ में देर रात हुई भारी बारिश से मलबा आ गया. इस कारण रात भर ये नेशनल हाईवे बंद रहा. 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नेशनल हाईवे को यातायात के लिए सुचारू किया जा सका. अच्छी बात ये रही कि बारिश से पौड़ी समेत अन्य वनों में लगी आग बुझ गई है.
गोगिना गांव के समीप के बुग्यालों में चुगान को गई बकरियां बिजली की चपेट में आ गईंं. बिजली गिरने से 121 बकरियों की मौत हो गई. ग्रामीणों ने प्रशासन से नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है. बिचला दानपुर के लीती, गोगिना, कीमू गांव बुग्यालों से सटे हैं. ग्रामीणों के मवेशी चुगान के लिए इन्हीं बुग्यालों में जाते हैं. गोगिना के लमतरा बुग्याल में बिजली गिरने से 10 पशुपालकों की 121 बकरियां मर गईं. वहीं तेज हुई बारिश से दणु, बसकुना गधेरे के उफान में आने से यातायात कई घंटे तक बाधित रहा. वहीं मंडलसेरा सहित तहसील क्षेत्र और कपकोट में कई घरों में बारिश का पानी घुस गया.