उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. जहां मसूरी में एक मकान का पुश्ता ढह गया तो वहीं बारिश के कारण जहां पुलिंडा-बल्ली मोटर मार्ग सोमवार रात से ही बंद है। वहीं, मंगलवार दोपहर मलबा आने से पौड़ी नेशनल हाईवे पर भी आवाजाही बाधित रही। जिसके चलते कोटद्वार का गढ़वाल से बारिश के कारण जहां पुलिंडा-बल्ली मोटर मार्ग बंद हो गया था।
वहीं, मंगलवार दोपहर मलबा आने से पौड़ी नेशनल हाईवे पर भी आवाजाही बाधित रही। जिसके चलते कोटद्वार का गढ़वाल से संपर्क कट गया। लगातार हो रही बारिश के कारण मंगलवार रात आठ बजे तक भी मार्ग नहीं खुल पाया, जिससे घाड़ क्षेत्र के करीब नौ ग्राम पंचायतों के करीब दो दर्जन गांवों की आवाजाही बाधित रही। उधर, ऋषिकेश में पहली बारिश ने ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी है. पूरा शहर पानी-पानी नजर आ रहा है.
तो वहीं मसूरी के क्लिप कॉटेज स्टेट के पास पुश्ता ढहने से एक मकान खतरे की जद में आ गया है. प्रशासन ने एहतियातन सुरक्षा की दृष्टि से मकान को खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है. जिसके बाद परिवार को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है.
भवन स्वामी लखपत सिंह रौथाण ने बताया कि देर रात को भारी बारिश के चलते उनके मकान के निचले का हिस्से का पुश्ता गिर गया. जिससे उनके मकान को खतरा हो गया. उन्होंने आरोप लगाया कि जल निगम ने उनके मकान के बाहर सीवरेज लाइन बिछाई थी, लेकिन सीवरेज लाइन बंद होने के कारण सीवरेज का पानी पुश्ते में जाता रहा. जिससे पुश्ता कमजोर हो गया.
उन्होंने कहा कि उनकी ओर से बीते 6 महीने से लगातार जल निगम और गढ़वाल जल संस्थान के अधिकारियों को सीवरेज चैंबर बंद होने व सीवरेज का पानी पुश्ते में जाने की शिकायत करते रहे, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. जिसका खामियाजा उनको भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने क्षतिग्रस्त पुश्ते के निर्माण की मांग उठाई है.
वहीं, मंगलवार दोपहर मलबा आने से पौड़ी नेशनल हाईवे पर भी आवाजाही बाधित रही। जिसके चलते कोटद्वार का गढ़वाल से संपर्क कट गया।
नेशनल हाईवे और इसके वैकल्पिक मार्ग के रूप में प्रयोग होने वाला कोटद्वार पुलिंडा बल्ली मोटर मार्ग बंद होने से पर्वतीय क्षेत्र से ड्यूटी कर लौट रहे अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षक दुगड्डा में ही फंसे हुए हैं।
पीएमजीएसआई और एनएच खंड की ओर से दोनों मार्गों को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन लगातार बारिश होने के कारण दोनों ही मार्गों पर बोल्डर और मलबा गिरने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा।