देहरादून ISBT गैंगरेपः दो ड्राइवर सहित पांच आरोपी गिरफ्तार, ऐसे दिया वारदात को अंजाम

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देहरादून आईएसबीटी पर किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी अजय सिंह ने प्रेसवार्ता कर बताया कि बस के कर्मचारी किशोरी को दिल्ली से देहरादून लेकर आये थे। इसी बस में पांच लाेगों ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया।

आरोपी दो बस ड्राइवर, एक कंडक्टर, एक कैशियर और एक सफाई कर्मचरी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उत्तराखंड से अनुबंधित बस को भी बरामद कर कब्जे में ले लिया है। आरोपियों में धर्मेंद्र कुमार(32) पुत्र यशपाल सिंह, निवासी ग्राम बंजारा वाला ग्रांट, थाना बुग्गा वाला, हरिद्वार, देवेंद्र(52) पुत्र फूलचंद निवासी चुड़ियाला, भगवानपुर, हरिद्वार, रवि कुमार(34) पुत्र दयाराम निवासी ग्राम सिला, थाना – नवाबगंज, जिला फर्रुखाबाद, यूपी, राजपाल(57) पुत्र स्व. किशन सिंह निवासी बंजारावाला ग्रांट, थाना बुग्गावाला, हरिद्वार और राजेश कुमार सोनकर(38) पुत्र लाल चंद्र सोनकर निवासी माजरा, पटेलनगर, देहरादून शामिल हैं।

बता दें कि आईएसबीटी पर किशोरी 13 अगस्त की शाम को बदहवास हालत में मिली थी। सहमी किशोरी ने मौके पर कुछ नहीं बताया। इसके बाद उसकी काउंसलिंग कराई गई, तो घटना का खुलासा हुआ। काउंसलिंग में पता चला कि किशोरी के साथ बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया है। किशोरी पंजाब की रहने वाली है। वह उस समय पंजाब से दिल्ली फिर मुरादाबाद ओर फिर देहरादून पहुंची थी। पटेलनगर इंस्पेक्टर केके लुंठी ने बताया कि मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

बता दें कि अगस्त 17 को प्रतिभा जोशी, सदस्य बाल कल्याण समिति ने थाना पटेल नगर पर लिखित तहरीर दी गई की चाइल्ड लाइन की टीम ने 12 अगस्त की देर रात्रि में आईएसबीटी से पंजाब निवासी एक नाबालिक युवती को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति देहरादून के समक्ष पेश किया गया था, जिसे उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से राजकीय बालिका निकेतन में रखा गया था। बालिका की काउंसलिंग के दौरान उन्होंने बताया कि उसके साथ आईएसबीटी बस अड्डे में अज्ञात व्यक्तियों ने दुष्कर्म किया है। जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ बलात्कार व पोक्सों एक्ट में मुकदमा दर्ज किया।


गत 12 अगस्त की देर रात्रि में आईएसबीटी में प्लेटफार्म नम्बर-12 की बेंच में बैठी थी, जिसकी सूचना गार्ड ने आईएसबीटी में चाइल्ड लाइन डैस्क को दी गई, जिन्होंने मौके पर आकर उस नाबालिक बालिका से जानकारी की गई तो वह मौके पर सामान्य प्रतीत हो रही थी, पर अपने बारे में ज्यादा जानकारी नही दे पा रही थी, उन्होंने चाइल्ड लाइन को बताया कि उसके मॉ-बाप नही है, चूंकि मौके पर बालिका सामन्य लग रही थी तथा उसमें कोई घबराहट नही थी और न ही उन्होंने घटना के सम्बंध में कोई जानकारी चाइल्ड लाइन को दी गई थी, तो मौके पर किसी प्रकार का सदेंह न होने पर चाइल्ड लाइन ने नाबालिक बालिका को बाल कल्याण गृह भेजा, चूंकि नाबालिक बालिका सामान्य अवस्था में थी, तो बाल कल्याण गृह ने उसका सामान्य मेडिकल करवाकर उसकी कांउसलिंग की गई। नाबालिक बालिका से लगातार पूछताछ की गई, तो नाबालिक बालिका के साथ घटना का होना प्रकाश में आया, जिस पर तत्काल सीडब्लूसी द्वारा थाना पटेलनगर पर घटना के सम्बंध में तहरीर देकर पुलिस को सूचित किया। जिस पर एसएसपी ने घटना के खुलासे के लिए तत्काल स्पेशल टीम का गठन किया गया,

पुलिस टीम ने नाबालिक बालिका की काउंसलिंग करते हुए उससे गहनता से पूछताछ की गई तो उसने पुलिस को भी अपने मॉ-बाप के न होने की जानकारी दी गई तथा बार-बार अपने बयानो को बदला गया, पुलिस ने पीडिता से तसल्लीपूर्वक पूछताछ व पुलिस के प्रयासो से पीडिता के परिजनो की जानकारी पुलिस को प्राप्त हुई व ज्ञात हुआ कि पीडिता के मॉ-बाप जिन्दा है व परिजनो से सम्पर्क करने पर उन्होंने नाबालिक बालिका के पूर्व में भी कई बार अपने घर से बिना बताये चले जाने की जानकारी दी गई तथा हर बार विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सूचना पर पीडिता को घर वापस लाना बताया गया।

पुलिस ने धर्मेंद्र कुमार पुत्र यशपाल सिंह, निवासी ग्राम बंजारा वाला ग्रांट, थाना बुग्गा वाला, हरिद्वार, देवेंद्र पुत्र फूलचंद निवासी चूडियाला, भगवानपुर, हरिद्वार, रवि कुमार पुत्र दयाराम निवासी ग्राम सिला, थाना नवाबगंज, जिला फर्रुखाबाद, राजपाल पुत्र स्व. किशन सिंह निवासी बंजारावाला ग्रांट, थाना बुग्गावाला, हरिद्वार व राजेश कुमार सोनकर पुत्र स्व. लाल चंद्र सोनकर निवासी माजरा, पटेलनगर को गिरफ्तार किया। घटना में प्रयुक्त उत्तराखंड परिवहन निगम की बस संख्या – यूके 07 पीए 5299 को कब्जे में लेकर फॉरेंसिक टीम ने जांच कर बस से एविडेंस एकत्रित किए।

पूछताछ में आरोपी देवेन्द्र ने बताया कि उक्त पीडित बालिका उसे दिल्ली कशमीरी गेट स्टेशन पर मिली थी, जो उससे पजांब जाने वाली बस के बारे में जानकारी ले रही थी, अभियुक्त उक्त नाबालिक बालिका को अपने साथ देहरादून चलने और वहां से पौंटा होते हुए पजांब भेजने की बात बताते हुए उसे देहरादून लेकर आया, जहां रात में बस से सभी सवारियों के उतरने के बाद आरोपी द्वारा बस ड्राइवर धर्मेन्द्र के साथ मिलकर उक्त नाबालिक बालिका के साथ दुष्कर्म किया।
इसके बाद आस-पास खडी अन्य बसों के चालकों राजपाल राणा और रवि कुमार को इस सम्बंध में पता चलने पर उन्होंने भी नाबालिक बालिका के साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद बस कन्डक्टर देवेन्द्र द्वारा कैश काउंटर में पैसा जमा कराने के दौरान उक्त नाबालिक बालिका के विषय में कैशियर राजेश सोनकर को बताया, जिसके बाद उसने भी नाबालिक बालिका के साथ बस में दुष्कर्म किया।

इसमें बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि अगर आसपास के बस चालक की मानसिकता सही होती और वह आवाज उठाते और विरोध करते तो शायद आरोपी उसी वक्त पुलिस द्वारा गिरफ्तार‌ कर‌ लिए जाते। और बच्ची के साथ इतना बुरा न होता।


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