देहरादूनः उत्तराखंड में नगर निगम चुनाव ने सर्दी में माहौल गर्म कर दिया है। चुनावी रण तैयार हो गया है। देहरादून नगर निगम के मेयर पद के लिए जहां भाजपा-कांग्रेस समेत 11 उम्मीदवारों ने ताल ठोकी है। जिसमें छह निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं। वहीं, पार्षद पद पर भी 431 प्रत्याशियों ने नामांकन कराया है। वहीं वार्ड 34 गोविंदगढ़ की बात करें तो यहां त्रिकोणिय मुकाबला होने वाला है। जहां एक और यहां बीजेपी प्रत्याशी महेंद्र कौर कुकरेजा मैदान में है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस से अमृता कौशल ने ताल ठोकी है। लेकिन बीजेपी-कांग्रेस की लड़ाई के बीच इस चुनावी रण में निर्दलिय मैदान में आई है सुमन मित्तल। आइए जानते है इन तीनों प्रत्याशियों के बारे में पूरी डिटेल्स
बीजेपी प्रत्याशी महेंद्र कौर कुकरेजा
बता दें कि महेंद्र कौर कुकरेजा लंबे समय से भाजपा से जुड़ी है। उनके कार्यों और निष्ठा को देखते हुए पार्टी ने एक बार फिर उनपर भरोसा जताया है। वह जहां निवर्तमान पार्षद रही हैं। उन्होंने बीते चुनाव में सभी प्रत्याशी को पीछे कर जीत हासिल की थी। अपने कार्यकाल में उन्होंने क्षेत्र में कई विकास कार्य कराए है। तो वहीं राधा कृष्ण मंदिर कमेटी की मेंबर, दुर्गा मंदिर टिचर कॉलोनी की मेंबर भी रही हैं। सामाजिक कार्य में हमेशा आगे रहती है। शिक्षा की बात करें तो वह इंटरमीडिएट है। अब देखना होगा स्थानीय जनता एक बार फिर उनका साथ देती है या नकारती है।
कांग्रेस प्रत्याशी अमृता कौशल
देहरादून नगर निगम चुनाव के अंतर्गत गोविंदगढ़ वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी अमृता कौशल ने नामांकन कराया है। वह लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ी हुई है। वह एक सामाजिक कार्यकर्ता भी है और पूर्व महानगर कांग्रेस उपाध्यक्ष का पद संभाल चुकी है। शिक्षा की बात करें तो उन्होंने एमए इंग्लिश ऑनर्स किया है। वह पहले भी पार्षद का चुनाव लड़ चुकी है। तब उन्हें 634 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
निर्दलीय प्रत्याशी सुमन मित्तल
बता दें कि निर्दलीय प्रत्याशी सुमन मित्तल एक सामाजिक कार्यकर्ता है। वह जन जागृति कल्याण समिति से जुड़ी है।
हर साल क्षेत्र में होली मिलन समारोह का आयोजन उनके द्वारा किया जाता है। कोरोना काल मे सेनेटाइजर,मास्क खाने की कीट आदि वितरित की गई। डेंगू में क्षेत्र में फॉगिंग, ब्लीच का छिड़काव, वृक्षारोपण, क्षेत्र की साफ सफाई आदि कराई गई।
कुछ वार्ड में आठ से 10 प्रत्याशी दम
गौरतलब है कि पार्षद पद के लिए ज्यादातर वार्ड में चार से छह नामांकन किए गए हैं। लेकिन, कुछ वार्ड में आठ से 10 प्रत्याशी दम दिखाने की तैयारी में हैं। वार्ड 65 डोभाल चौक और वार्ड 93 आरकेडिया-2 में सर्वाधिक 10-10 नामांकन दाखिल किए गए हैं। इन वार्ड में भाजपा कांग्रेस के साथ ही कुछ अन्य राजनीतिक दल व निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी ताल ठोकी है।
मेयर पार्षदो को नहीं मिलती कोई सैलरी
बता दें कि नगर निकायों के चुनाव हर 5 साल में कराए जाते हैं. लेकिन आपको ये जानकर बहुत हैरानी होगी कि जिस चुनाव के लिए उत्तराखंड में इन दिनों काफी शोर मचा हुआ है. इस चुनाव में जीतने वाले नेता को भले ही एक बड़ा पद मिल रहा हो, लेकिन उन्हें सैलरी के नाम पर कुछ भी नहीं मिलता है. हालांकि, पद की गरिमा के अनुसार उन्हें तमाम सुविधाएं जरूर उपलब्ध कराई जाती हैं, जिसका सारा खर्च नगर निगम प्रशासन की ओर से उठाया जाता है।