उत्तराखंड की संस्कृति का पतन करते क्लब व पब नशे की प्रवृत्ति को दे रहे बढ़ावा, सड़क दुर्घटनाओं में नशा भी एक मुख्य कारण

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देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ओ.एन.जी.सी चौक पर हुए ख़ौफ़नाक सड़क हादसे में छः युवाओं की जान चली गयी, देहरादून समेत पूरे राज्य में दुःखद घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है इस दर्दनाक हादसे से पूरा भारत हिल गया यह हादसा हम सभी के लिए अपूरणीय क्षति है लगातार देखा जा रहा है कि क्लब और पब्स में सुबह चार बजे तक प्रतिबंधित नशे का सेवन व गलत गतिविधियों का संचालन किया जाता है जिसमें युवक, युवतियां बड़ी संख्या में उपस्थित रहते है देहरादून में स्थित कई फार्म हाउसों में बाहरी राज्यों के लोग प्रतिबंधित पार्टियां करते है यूनिवर्सिटियों, कॉलेजों में युवाओं के बीच बढ़ती नशे की सप्लाई, प्रदेश की सीमाओं पर नशा तस्करों के साथ प्रशासन की मिलभगत का नतीजा है ऐसी दर्दनाक दुर्घटनाओं के पीछे एक मुख्य कारण नशेबाजी व नशा तस्करों की बढ़ती भूमिका है राज्य सरकार से मांग है कि फार्म हाउसों में होने वाली पार्टियों, यूनिवर्सिटी, कॉलेजों व प्राइवेट हॉस्टलों में चलने वाली गतिविधियों की गहन जांच हो सेलाकुई व अन्य क्षेत्रों में फार्मा कंपनियों में प्रतिबंधित ड्रग्स सप्लाई की निरंतर जांच कर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

नशा तस्करों को रोकने में विफल रही, राज्य सरकार ने 2025 तक “नशा मुक्त राज्य” बनाने का दावा तो किया लेकिन अब राज्य की सीमाएं ऐसे नशा तस्करों की आवाजाही के लिए एक सुगम द्वार बनकर रह गयी है.

उत्तराखंड की सभ्यता, संस्कृति से खिलवाड़ करते ऐसे क्लब, पब्स में असामाजिक कृत्यों नशेबाजी पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाये अन्यथा हम सभी इसके विरुद्ध कड़ा विरोध प्रदर्शन करने के लिए संकल्पित है नशे के कारण राज्य में युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ व उत्तराखंड की संस्कृति और सभ्यता का विनाश नहीं होने दिया जाएगा.

उत्तराखंड की संस्कृति, सभ्यता व आध्यात्मिक परिवेश सर्वोपरि है उसके विरुद्ध कोई भी कृत्य अस्वीकार्य है।


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