निकाय चुनावः कौन है कांग्रेस के देहरादून मेयर प्रत्याशी वीरेंद्र पोखरियाल, कैसे शुरू हुआ राजनीतिक सफर, जानें

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देहरादून: प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर सभी पार्टियां कमर कस प्रचार प्रसार में जुट गई है। कांग्रेस पार्टी द्वारा सभी नगर पालिका और नगर पंचायत के बाद देहरादून-कोटद्वार सहित कई सीटों पर मेयर प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा देहरादून नगर निगम के अधिकृत प्रत्याशी के तौर पर वीरेंद्र पोखरियाल और कोटद्वार नगर निगम में रंजना रावत को टिकट दिया गया है। बता दें कि दोनों प्रत्याशी आज अपना नामांकन दाखिल करेंगे। ऐसे में दून वासी कांग्रेस के मेयर चेहरे वीरेंद्र पोखरियाल के बारे में जानना चाहते है। आइए जानते है कौन है पोखरियाल और कैसे शुरू हुआ इनका राजनीतिक सफर..

डीएवी से लेकर राज्य आंदोलन तक बने युवाओं की आवाज

बता दें कि मूल रूप से टिहरी निवासी वीरेंद्र पोखरियाल को कांग्रेस पार्टी ने देहरादून मेयर पद के लिए चुना है। वीरेंद्र एक राज्य आंदोलनकारी हैं। उनका राजनीतिक सफर छात्र नेता के रूप में शुरू हुआ था। वह साल 1993 से 1996 तक डीएवी महाविद्यालय देहरादून के छात्र संघ अध्यक्ष रहे। उन्होंने राज्य आंदोलन के दौरान युवाओं की आवाज बुलंद करके राज्य आंदोलन को एक नई दिशा दी थी। डीएवी पीजी कॉलेज की राजनीति से निकले वीरेंद्र पोखरियाल छात्र राजनीति में भी सक्रिय नाम रहे। उन्होंने राज्य आंदोलन के दौर में युवाओं की गोलबंदी की और पूरे आंदोलन के दौरान पुलिस के लिए चुनौती बने रहे।वह आंदोलन के दौरान तीन बार जेल भी गए। छात्र राजनीति के समय से ही कांग्रेस का झंडा उठाकर चलने वाले पोखरियाल ने युवा कांग्रेस, किसान कांग्रेस और सहकारिता में अपनी एक अलग जगह बनाई।

वीरेंद्र ने राज्यआंदोलन में जेल में बिताई कई रातें, किया नेतृत्व

वीरेंद्र को राज्य आंदोलन के दौरान पहली बार 1994 में पहली बार उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। तब पुलिस ने उन्हें बरेली जेल भेजा था। फिर 13 सितंबर 1994 को समाजवादी पार्टी के यूपी बंद के विरोध में वीरेंद्र पोखरियाल के नेतृत्व में हजारों छात्र दून की सड़कों पर उतर आए थे। इस पर उन्हें गिरफ्तार कर मैनपुरी जेल भेज गया और छह दिन बाद रिहाई हुई। 16 दिसंबर 1994 को पुलिस कंट्रोल रूम में एसएसपी का घेराव करते वक्त उन्हें फिर से गिरफ्तार कर बरेली जेल भेजा गया और 36 दिन बरेली जेल में रहे। 1994 में ही उन्होंने उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर एक लाख युवाओं की देहरादून में हुई रैली का नेतृत्व किया था।

निभा चुके है कई बड़ी जिम्मेदारियां

बता दें कि साल 2000 में उत्तराखंड राज्य का गठन होने के बाद वह प्रदेश युवा कांग्रेस के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष नियुक्त किए गए। साल 2004 से अब तक लगातार सहकारी बाजार देहरादून के अध्यक्ष पद पर बन रहे। इसके अलावा साल 2007 में उन्हें उत्तराखंड किसान कांग्रेस में जिला अध्यक्ष का दायित्व भी सौंपा गया। जिसके बाद वह साल 2013 में उत्तराखंड राज्य आवास संघ लिमिटेड में निदेशक बनाए गए। वर्तमान में वह वीरेंद्र पोखरियाल कांग्रेस पार्टी में प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं।


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