देहरादूनः हरिद्वार के खानपुर क्षेत्र के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के आवास पर गणतंत्र दिवस के मौके पर पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन के ताबड़तोड़ गोली चलाने का मामला अब नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है। हाइ कोर्ट की शीतकालीन अवकाश पीठ ने प्रकरण का स्वतः संज्ञान लिया और इस पूरे घटनाक्रम को राज्य की छवि खराब करने वाला बताया। इस मामले में कोर्ट ने हरिद्वार के एसएसपी और डीआईजी को वर्चुअली तलब किया।
हरिद्वार में खानपुर क्षेत्र के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के आवास पर गणतंत्र दिवस के मौके पर पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन के बीच की जुबानी जंग तब बेकाबू हो गई, जब 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर हथियारों के साथ दलबल पर चैंपियन उमेश कुमार के आवास/दफ्तर पर पहुंचे और खुलेआम अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कई राउंड फायर किए। इससे पहले चैंपियन के उमेश कुमार को मां और पिता के नाम की गाली देने पर विधायक उमेश भी उनके आवास पर पहुंचे थे और उन्हें ललकारा था।हालांकि, गोलीबारी के बाद पुलिस हरकत में आई और पहले चैंपियन और फिर देर रात विधायक उमेश को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों को सोमवार को सीजीएम कोर्ट में पेश किया गया। जहां चैंपियन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया, जबकि उमेश को जमानत मिल गई।
पूरे घटनाक्रम में हरिद्वार पुलिस ने चैंपियन और उनके परिजनों के 09 असलहे जब्त कर उनके लाइसेंस निरस्त करवा दिए और दूसरी तरफ जिलाधिकारी देहरादून ने विधायक उमेश कुमार का शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिया।लेकिन, जिस तरह कानून व्यवस्था को धता बताते हुए शांत छवि के प्रदेश में यह घटना हुई, उसने हाइ कोर्ट को भी स्वतः संज्ञान लेने पर विवश कर दिया। कोर्ट ने एसएसपी हरिद्वार व डीआइजी गढ़वाल को अपराह्न 02 बजे वर्चुअली तलब किया है। साथ ही पुलिस अधिकारियों से दोनों पर दर्ज केसों की पूरी डिटेल प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट के संज्ञान लेने से सरकारी मशीनरी में खलबली मची है। कोर्ट ने समाचार पत्रों में गुंडई से संबंधित प्रकाशित खबरों के आधार पर संज्ञान लिया है।