खबरनामा/दिल्लीः देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल की नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है। इसके तहत उपभोक्ता नेशनल हाईवेज पर जितनी दूरी तय करेंगे, उतना ही टोल टैक्स चुकाना होगा। दूरी की निगरानी के लिए राजमार्गों पर हाई रेजोल्यूशन कैमरे लगाए जा रहे हैं। नई व्यवस्था देश के 9 रूट्स पर इसी साल दिसंबर से लागू हो जाएगी। यह पायलट प्रोजेक्ट होगा। अभी टोल गेट पार करते ही पूरे स्ट्रैच के लिए कीमत चुकानी पड़ती है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि नई व्यवस्था जीपीएस टोल सिस्टम से अलग होगी। इसमें किस वाहन ने नेशनल हाईवेज पर कितनी दूरी तय की है, उसी हिसाब से टोल लगेगा। बिहार में एनएच 57, कर्नाटक में एनएच 275, हरियाणा में एनएच 709, उत्तर प्रदेश और बंगाल में एनएच 19, मध्य प्रदेश में एनएच 135, महाराष्ट्र में एनएच 65 सहित 9 राज्यों से गुजरने वाली एनएच के कुछ खंडों पर यह व्यवस्था दिसंबर से प्रभावी हो जाएगी।
फास्टैग से पूरा पैसा कटेगा, बाद में बचा हुआ वापस होगा
अभी टोल गेट में एंट्री करते हुए फास्टैग से पूरा पैसा कट जाता है। नई व्यवस्था में जैसे ही एक टोल से दूसरे टोल के बीच जितने किलोमीटर पर वाहन राजमार्ग से हटेंगे, वह कैमरे में दर्ज हो जाएगा और दूसरे टोल के लिए दी गई राशि में से बाकी किलोमीटर का पैसा माइनस होकर फास्टैग अकाउंट में 24 घंटे में वापस आ जाएगा। जैसे- यदि 50 किमी के टोल का पैसा कटा और वाहन 20 किमी के अंदर ही राजमार्ग से उतर गए तो बाकी 30 किमी के टोल का पैसा वापस आ जाएगा।
वाहन में जीपीएस की जरूरत नहीं जो वाहन जीपीएस सिस्टम से जुड़े होंगे, उन्हें पहले 20 किमी की दूरी के लिए टोल टैक्स नहीं देना होगा। इसके बाद दूरी के हिसाब से ही टोल लगेगा। लेकिन, नई व्यवस्था में जिन वाहनों में जीपीएस नहीं है उनके लिए कैमरे की निगरानी में दूरी के हिसाब से टोल चार्ज किया जाएगा। जीपीएस सिस्टम पूरी तरह से लागू होने के बाद टोल गेट की जरूरत नहीं पड़ेगी।