उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर बड़ा अपडेट, ये आदेश हुआ जारी

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देहरादून: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर बड़ा अपडेट आ रहा है। बताया जा रहा है कि चुनाव के लिए प्रत्याशियों के खर्च की सीमा बढ़ा दी गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिकतम निर्वाचन व्यय और लेखा प्रस्तुति का आदेश लागू किया है, जिससे उम्मीदवारों को अधिक खर्च करने की छूट मिलेगी। जिसके बाद अब मेयर के लिए खर्च सीमा 16 से बढ़ाकर 30 लाख, पालिकाध्यक्ष की छह से बढ़ाकर आठ लाख, नगर पंचायत अध्यक्ष की दो से बढ़ाकर तीन लाख रुपये तक रहेगी। हालांकि आयोग ने जमानत राशि और नामांकन पत्र मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया।

मिली जानकारी के अनुसार राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार की ओर से जारी आदेश के अनुसार नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में विभिन्न पदों के लिए चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए व्यय सीमा निर्धारित की गई है। यह सीमा अब पहले से अधिक हो गई है, जिससे प्रत्याशी चुनाव प्रचार के लिए और अधिक साधन जुटा सकेंगे। आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और प्रत्याशियों को इसका पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

बता दें कि नए आदेश के तहत नगर निगम में 40 वार्डों तक के प्रमुख 20 लाख रुपये, 41 से 60 वार्डों तक के प्रमुख 25 लाख रुपये, 61 या उससे अधिक वार्डों के प्रमुख 30 लाख रुपये व नगर पालिका में 10 वार्ड तक के अध्यक्ष छह लाख रुपये, 10 से अधिक वार्डों के अध्यक्ष आठ लाख रुपये, सदस्य 80 हजार रुपये खर्च कर सकेंगे। वहीं नगर पंचायत में अध्यक्ष प्रत्याशी तीन लाख रुपये, सदस्य 50 हजार रुपये व उपनगर प्रमुख नगर निगम दो लाख रुपये खर्च कर सकेंगे।

राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संदर्भ में 22 पृष्ठों की विस्तृत जानकारी जारी की है। आदेश के मुताबिक, प्रशासन प्रत्याशियों के खर्च का निरीक्षण करेगा और उसके लेखे-जोखे की सख्त निगरानी रखेगा। सरकार की मंशा यह कदम सरकार की नगर निकायों को अधिक सक्षम और पारदर्शी बनाने की मंशा को दर्शाता है। इससे जहां प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए अधिक वित्तीय स्वायत्तता मिलेगी, वहीं खर्चे पर प्रशासनिक नियंत्रण भी बना रहेगा।


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