लालगंज हॉस्पिटल से जुड़ी बड़ी खबर, सरकारी दवाओं को चोरी से जलाया,जानें मामला

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2025 में जिस दवा की एक्सपायरी होनी है उसे ही स्टाफ के कर्मचारियों ने चोरी से किया आग के हवाले, जानकारी मिलने पर हुआ मामले का खुलासा

लालगंज रायबरेली।  लालगंज हॉस्पिटल के खेल ही निराले हैं। मरीजों को दी जाने वाली दवाओं को अस्पताल परिसर में अज्ञात कर्मचारी ने आग के हवाले कर दिया। जलायी गई दवाएं वर्ष 2025 में एक्सपायर होने वाली थी। उससे पहले ही इन दवाओं को जलाकर ठिकाने लगाया जा रहा था। आरोप है कि सरकारी दवाएं कूड़े के ढेर में जली पड़ी होने पर चिकित्साधिकारी को इसकी जानकारी देना चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं डीएम ने इस प्रकरण की जांच कर सख्त कार्रवाई किए जाने की बात कहीं।

जानकारी के अनुसार लालगंज सीएचसी में दवा जलाने का काम एक बार फिर किया गया है। दवा जलने की जानकारी जैसे ही किसान नेता रमेश सिंह को मिली वैसे ही किसान नेता रमेश सिंह तत्काल आनन फानन हॉस्पिटल पहुंचकर जलती दावों को बुझाया और आलाधिकारियों को फोन कर सूचित किया कई बार उच्चधिकारियों को फोन मिलाने के बाद जब किसी अधिकारी का फोन नहीं उठा तब जाकर डीएम को फोन लगाया और सारी बात बताइ ।

उसके बाद रायबरेली डीएम हर्षिता माथुर ने मामले को संज्ञान में लिया तब जाकर प्रशासन हरकत में आया और उन दवावों को डॉक्टर प्रियंका व डॉक्टर सत्यजीत सिंह की मौजूदगी में तथा कस्बा इंचार्ज राजेश सिंह पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे और सभी के सामने दवाओं को सील करा कर डॉ प्रियंका व डॉक्टर सत्यजीत को सुपुर्द कर दिया ।

वही किसान नेता रमेश सिंह ने कहा यदि इस पर किसी भी प्रकार की ठोस कार्यवाही नहीं होती है तो मै धरने पर बैठूंगा और मुझे आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। और कहा गरीबों के लिए दवाएं जिस प्रकार सरकार व्यवस्था करती है। डॉक्टर उन दवाओं का दुरुपयोग कर उसे जलाकर बाहर से दवाएं लिखने का काम करते हैं। जिससे आम नागरिक पूरी तरीके से लुटता और परेशान होता है। ऐसे भ्रष्टाचारी डॉक्टरों पर कठोरतम कार्यवाही होनी चाहिए।


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