दून के इस मशहूर स्कूल पर लगे बडे़ आरोप, शिकायत पेटी खुलते ही सामने आया यौन शोषण का मामला

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बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने किया स्कूलों का औचक निरिक्षण, स्कूलों की व्यवस्थाओं की खुली पोल

कहीं स्कूल मिला बंद, तो कहीं स्कूलों में पड़ा मिला कूड़ा-शौचालयों की स्थिति दयनीय

खबरनामा/ देहरादूनः उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा0 गीता खन्ना व आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण द्वारा जनपद देहरादून के विभिन्न सरकारी एंव गैर- सरकारी विद्यालय व सरकारी अस्पताल के औचक निरीक्षण की प्रक्रिया गतिमान है। जिसके क्रम में आज दिनांक 30.04.2024 को सैंट मेरी स्कूल, विकासनगर, देहरादून के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों के आधार पर औचक निरीक्षण किया गया। स्कूल के गेट पर गार्ड उपस्थित न होने पर आयोग की निरीक्षण टीम सीधे विद्यालय में प्रवेश कर गई।

अध्यक्ष द्वारा विद्यालय में लगी शिकायत पेटी को खोले जाने के निर्देश पर प्रधानाचार्य द्वारा अवगत कराया गया कि इसकी चाबी पुलिस के रक्षण में रहती है, जो कि पुलिस द्वारा नकारा गया तथा एक चाबी विद्यालय पर भी होनी बतायी गई। चाबी न मिलने की दशा में अध्यक्ष द्वारा शिकायत पेटी को तोडने के निर्देश दिये गये, जिसमें वर्ष 2019 से प्रेषित की गई लगभग 20 शिकायते प्राप्त हुई, जिसमें एक शिकायत पर विद्यालय के शिक्षक पर ही यौन शोषण के आरोप लगाये गये थे, जिनपर विद्यालय स्तर से कोई कार्यवाही अमल में नही लायी गई, जिसपर अध्यक्ष द्वारा गहरा रोष व्यक्त करते हुये शिक्षा विभाग व पुलिस विभाग को जांच के आदेश दिये गये।

विद्यालय में प्रवेश करते ही एक कक्ष में एक बालक बिमार अवस्था पर दिखाई दिया, बातचीत पर संज्ञान मंे आया कि बालक का स्वास्थ्य ठीक नही है तथा शिक्षक द्वारा वहां विश्राम करने हेतु कहा गया है। प्रधानाचार्य द्वारा अवगत कराया गया कि विद्यालय की देखरेख टीम द्वारा चिकित्सकीय उपचार प्रदान किया जाता है, जो आज अवकाश पर है, किन्तु जांच में इस प्रकार की कोई व्यवस्था तथा प्रथम चिकित्सकीय उपचार की सुचारू व्यवस्था भी नजर नही आई। विद्यालय में बच्चों के बस्ते का वजन मानकों से अधिक पाया गया तथा किताबें जमीन पर पडी हुई दिखी।

विद्यालय में लगभग 3000 छात्र छात्राओं के अध्ययनरत होने पर भी शौचालयों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी तथा जगह जगह पर कुडा कचरा पडा दिखाई दिया। बच्चों से बातचीत में संज्ञान में आया कि बच्चों को प्रातः राष्ट्रीय गान नही कराया जाता है। विद्यालय में जगह जगह सेंट मेरी के चित्र लगे हुये दिखे जिस पर प्रधानाचार्य द्वारा अवगत कराया गया कि विद्यालय का नाम सेंट मेरी है, जिस कारण सभी स्थानों पर मदर मेरी का छायाचित्र लगा हुआ है।

अध्यक्ष द्वारा विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रातः की प्रार्थना सभा में बच्चों को देश व समाज के प्रति जागरूक करने वाले प्रार्थनाओें को सम्मिलित करने तथा सभी धर्मो का सम्मान करना सिखाये जाने हेतु निर्देशित किया गया। इस क्रम में अध्यक्ष द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी व खण्ड शिक्षा अधिकारी को विद्यालय के समस्त दस्तावेजों की जांच कर आयोग को जांच आख्या उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया।

उक्त के अतिरिक्त अध्यक्ष व आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण द्वारा होशियार सिंह बुद्धुमल बालिका जैन इंटर कॉलेज विकास नगर देहरादून का औचक निरीक्षण किया गया। जब आयोग की टीम वहां पहुंची तो विद्यालय की छुट्टी हो चुकी थी। शिक्षकों से बातचीत में ज्ञात हुआ कि प्रधानाचार्य आज अवकाश पर है। छुट्टी का कारण जानने पर शिक्षकों द्वारा अध्यक्ष के संज्ञान में लाया गया कि माह के अन्तिम दिवस में आधे दिन की कक्षा होती है, जिस पर अध्यक्ष द्वारा इसे सिरे से नकारते हुये विद्यालय को माह के अन्तिम दिवस में भी पूरे दिन चलाये जाने हेतु निर्देशित किया गया।

आयोग के संज्ञान में आये एक प्रकरण पर शिक्षा विभाग द्वारा अवगत कराया गया वह नाबालिग बालिका विद्यालय द्वारा दी गई सूचना के आधार पर हर दिन उपस्थिति रही है, किन्तु विद्यालय की उपस्थिति पंजिका में बालिका हर दिन उपस्थित नही पायी गई। आयोग की अध्यक्ष महोदया द्वारा विद्यालय के सभी दस्तावेजों की जांच के आदेश दिये गये। उक्त के अतिरिक्त अध्यक्ष व सदस्य विनोद कपरवाण द्वारा उपजिला राजकीय अस्पताल, विकासनगर, देहरादून का औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि अस्पताल में पूर्ण से स्वच्छता का अभाव था, तथा उपकरणों के संचालन हेतु स्टाफ भी मौजूद नही था।


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