उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपील, स्कूल में एडमिशन कराने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

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आपके बच्चे को है स्कूल में कोई परेशानी या नहीं हो रही सुनवाई तो यहां करें शिकायत, होगी कार्रवाई

खबरनामा/ देहरादूनः स्कूलों के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतो पर बाल अधिकार आयोग सख्त एक्शन ले रहा है। आयोग अध्यक्ष ने जहां कई स्कूलों पर कार्रवाई की है साथ ही बच्चों के अभिभावकों से एक बार फिर अपील की है कि आप लोग को अपने बच्चे को किसी भी संस्थान में भेजने से पहले वहाँ के संस्थापक विद्यालय की कार्यशैली पर जरूर ध्यान दें बेसिक सुविधाओं पे कार्यशैली और संस्थापक सब पर ध्यान दे, इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दें और किसी भी तरह की दिक्कत आने पर आयोग से निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं Mob.9258127046 Email id – scpcr.uk@gmail.com

बता दें कि दून इंटरनेशनल स्कूल के खिलाफ लगातार शिकायते मिल रही थी। जिसपर मिली शिकायत के क्रम में आयोग के सदस्य विनोद कपरवान और उनकी टीम ने विद्यालय का निरक्षण किया यहाँ पर प्रशासन और सभी तंत्र विद्यालय के द्वारा जाति सूचक शब्दावली के प्रयोग करने के संबंधित शिकायत आयोग को प्राप्त हुई थी और साथ ही में विद्यालय द्वारा बच्ची को बार-बार प्रेम पत्र के नाम से इंगित किया गया जो की अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है विद्यालय अपनी निजी गलती छुपाने हेतु अपने कृत्य के लिए माफी मांगने की बजाय किशोरी के मन को आहत करने में जुटी हुई दिखाई दे रही है। दून इंटरनेशनल स्कूल के संस्थापक के द्वारा आयोग को सुनवाई के दौरान दस्तावेज ना लाने पर अगले दिन का समय दिया गया किंतु किसी भी तरह के दस्तावेज आयोग को प्राप्त नहीं हुए हैं किसी भी तरह की बच्चे की काउंसलिंग ना करना ओर अभिभावकों के साथ वार्तालाप की कमी आयोग को बाल अधिकारों के हनन की ओर इंगित प्रतीत हुई |

२.दून वैली इंटरनेशनल स्कूल लांघा रोड जिसे महारानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल एजुकेशन सोसायटी द्वारा संचालित किया जा रहा है वहा कुछ बच्चे होने पर भी हमें बहुत सारी शिकायतें प्राप्त हुई, प्रिंसिपल का न होना घुमाया गया संयोजक संजय चौधरी आयोग में उपलब्ध नहीं हुए, दस्तावेज मांगे जाने पर चाबी न होने की बात बार बार दोहराई गई ,आयोग द्वारा विद्यालय को बार बार समय देने पर भी कुछ रंग बिरंगे रजिस्टर भेज दिए गए जबकि इम्पोर्टेन्ट दस्तावेज जैसे कि पॉक्सो कमेटी ,पीटीए, काउंसलर रिपोर्ट्स, आदि अभी भी उपलब्ध नहीं हो पाई है ऐसा लगता है कि विद्यालय में फातिमा मैडम संस्थापक के कमरे में बैठी थी तथा आयोग द्वारा पूछे जाने पर की प्रधानाचार्य कहा पर है इसके जवाब मे अभद्रता के साथ के साथ जवाब दिया और निरक्षण करने पर किसी प्रकार का सहयोग नहीं दिया गया

३.सेंट मैरी स्कूल के औचक निरीक्षण के क्रम में जब राष्ट्रवाद ओर 2019 से बंद पड़ी पेटी जिसमें कई तरह की शिकायतें पाई गई यह एक अधीर चिंतन का विषय है यहाँ से भी चाबी न होने के कारण आयोग को बोला गया की सभी दस्तावेग लॉक्ड है | विद्यालय में बिना पैरामेडिक स्टाफ ,ऑक्सीजन सिलिंडर और कई अन्य जैसी सुविधाएं नदारद थी,विद्यालय द्वारा बच्चों को प्रेशराइज कर के विद्यालय की सभी गलतियों को सही बताया जा रहा ,इसे आयोग अत्यंत गंभीर विषय मान रहा है साथ ही में ये भी बता दे की पुराने बच्चो ने भी आयोग से संपर्क कर बहुत सारी शिकायतें आयोग को भेजी है। इसका मतलब मीडिया में चर्चा होने के बाद बच्चों ने भी शिकायतें भेजी हैं ओर वहाँ शिकायत पेटी में मिली हुई शिकायतों की जांच कर ब्लॉक एजुकेशन के द्वारा जल्द ही आख्या मिलने पर उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।


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