AAP युवा मोर्चा अध्यक्ष सचिन थपलियाल ने तैयार किया केदारनाथ चुनाव प्रस्ताव, हाईकमान जल्द लेगा फैसला

Spread the love

केदारनाथ उपचुनाव 20 नवंबर को होंगे यहां 90,450 मतदाता बनेंगे औऱ केदारनाथ में पीएम मोदी से लेकर कांग्रेस सतर्क हो गयी है, अगर पिछली 2022 विधानसभा चुनाव की बात करें तो आम आदमी पार्टी को अच्छे खासे वोट केदारनाथ में पड़े थे औऱ चौदह उम्मीदवारों के चुनाव में आम आदमी पार्टी का झाड़ू चौथे नंबर पर रहा था! लेकिन आज अगर बड़ी रणनीति के साथ आम आदमी पार्टी केदारनाथ में एंट्री करेगी तो सम्भवतः यह पहले ही पार्टी के लिये बड़ी जीत होगी।

एक-एक कदम से ही 2027 को जीतेंगे औऱ 2027 का ट्रेलर अभी क्यू नही, मैं केदारनाथ क्षेत्र के मैकोटी ग्रामसभा से आपका सचिन थपलियाल हूँ और यह रिपोर्ट उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष सविंदरजीत सिंह कलेर की संस्तुति पे आम आदमी पार्टी युवा मोर्चा के सचिन थपलियाल द्वारा 24 घंटे पहले बनाई की गयी है! जिसका पार्टीपत्र जल्द ही जारी करेंगे।

देश की राजनीतिक या उत्तराखंड राज्य के सामाज में केदारनाथ धाम का महत्व कहीं पहलुओं में विशेष है! आम आदमी पार्टी आंदोलन के रूप में क्या देवभूमि उत्तराखंड में चुनावों के लिए तैयार है तो आइए उत्तराखंड में बदलाव की शुरूआत केदारनाथ से करें!

  1. धार्मिक महत्व: केदारनाथ देश भर में हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है!
  2. पर्यटन और आर्थिक महत्व: केदारनाथ एक प्रमुख तीर्थ स्थल है जो उत्तराखंड राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाता है!
  3. राजनीतिक प्रभाव: केदारनाथ का राजनीतिक प्रभाव उत्तराखंड राज्य की राजनीति में देखा जा सकता है देश के प्रचारमंत्री मोदी हो, या यहां के नेता या फिर राजनीतिक दल अक्सर केदारनाथ के महत्व को उजागर करते रहते हैं।

यह स्पष्ट है कि केदारनाथ उत्तराखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण विधानसभा है जिसका प्रभाव आने वाले वक्त में आम आदमी पार्टी उत्तराखंड के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था पर पड़ेगा ।।

केदारनाथ प्रचार प्रसार अभियान

चुनाव अभियान का नाम:

  1. विरासत बनाम सियासत
  2. उत्तराखंड में बदलाव की शुरुआत केदारनाथ से
  3. केदारनाथ की आवाज
  4. आप की सरकार आपके द्वार
  5. आपकी क्रांति आप के साथ

चुनाव अभियान का उद्देश्य: उत्तराखंड में फैले भ्रष्टाचार और पहाड़ के लोगों की समस्याओं का समाधान

चुनाव अभियान के मुख्य बिंदु:

  1. पाँच गेरेन्टीयां + 109 ग्रामसभा में एक एक गौशाला + बेरोजगारी भत्ता
  2. सभी ग्रामसभा में भ्रष्टाचार विरोधी यज्ञ आदि
  3. पहाड़ पे जर्जर हो चुके शिक्षा और स्वास्थ्य ढांचे में सुधार
  4. रोजगार सृजन
  5. मृतुन्जय हरिमेठ वृक्षाबंधन अभियान (चिपको आंदोलन)

चुनाव अभियान के लिए समयसीमा:

  1. अभियान की शुरुआत: 1 महीने पहले
  2. जनता से जुड़ाव: 25 दिन पहले
  3. भ्रष्टाचार विरोधी अभियान: 20 दिन पहले
  4. चुनाव के दिन से पहले एक विशाल मशाल जुलूस

यह योजना आम आदमी पार्टी को केदारनाथ में विधायक के रूप में चुनाव लड़ने में मदद करेगी।

अन्य पहलू!
सुरक्षा समस्या

महोदय, पहाड़ के इलाकों पर पता नहीं क्यू एक अलग किस्म का डर फैला हुआ है औऱ पिछले कुछ समय से सारा उत्तराखंड जल जंगल जमीन खनन माफियाओं और कई तरीकों के मानव तश्करो से त्रस्त है, पहाड़ो पर इंडस्ट्रीयल लॉबी ने हमारा सुख चैन सब छीन लिया आये दिन गांवों के गांव सरकारी त्रासदी का सामना कर रहें हैं उत्तराखंड सरकार के इस आवारा विकास ने पहाड़ो के उपर एक आपातकाल जैसा माहौल बना दिया है।
रोजी रोजगार करने वाले नागरिकों का सारा जन जीवन अस्त व्यस्त है। माफियाओं, भ्रष्टाचारियों और उत्तराखंड सरकार का आपस में गठबंधन हो चुका है इसके कारण आम आदमी या जनता मौन है।

ऐतिहासिक कारण
ब्रिटिश सरकार से लेकर उत्तराखंड में अब तक Policy of Isolation की नीति अपनाई गई जिससे पहाड़ो पर राजतंत्र जैसी व्यवस्था कायम है, राज्य पुनर्गठन में देरी और भी कई कारण इस नीति के उदाहरण है।

ऐतिहासिक विरासत बनाम सियासत

केदारनाथ क्षेत्र की समस्या विशिष्ट औऱ मुखर इसीलिए भी है क्योंकि इसका धार्मिक डंका या महत्व पूरे विश्व में है यहां की विरासत देश की अखंडता के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन मुख्य धारा से हिमालय के इलाको की भौगोलिक दूरी होने के कारण यहाँ पे राजनीतिक विकल्पों की शून्यता है या पहुंच का अभाव है।

सामान्य चिंता

चाहे यहाँ की सांस्कृतिक विशिष्टता हो या यहां का पहाड़ी समुदाय हो पहाड़ी इलाका होने के कारण यहां के लोगो के मन में यह भाव है कि हमें नजरअंदाज किया जाता है औऱ सारा विकास का बजट मैदान के महानगरों में लगता है। कई मुख्य चिंताएं उत्तराखंड को औऱ गंभीर बनाती है!


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *