हादसे पर उठे सवाल, मृतको के परिजनों को 25- 25 लाख मुआवजा देने की मांग
देहरादूनः- उत्तराखड में जहां जनपद चमोली के माणा में ग्लेशियर खिसकने से उसकी चपेट में 55 मजदूर और कर्मचारी आए तो वहीं चार मजदूरों की मौत हो गई है। जबकि कई गंभीर घायल है तो चार लापता बताए जा रहे हैं। वहीं घटना को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है। इसी क्रम में कांग्रेस नेता दून मेयर प्रत्याशी वीरेंद्र पोखरियाल ने कहा कि मृतक मजदूरों पर शोक व्यक्त करते हुए सरकार से उनके परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है तो वहीं रेस्क्यू कार्य कर रहे जवानों की सराहना करते हुए उन्हें सलाम किया है। वहीं हादसे पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से लगभग 55 मजदूरों एवं कर्मचारियों की जान जोखिम में डाली गई वह भयावह व चिन्ताजन घटना है। इस घटना में चार लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यन्त दुखदाई एवं पीड़ाजनक है भगवान से प्रार्थना है कि मृतकों को अपने श्रीचरणों मे स्थान दे और अन्य को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करे एवं घायलों के उपचार के लिए निशुल्क उचित व्यवस्थायें की जाय और सरकार मृतकों को कम से कम 25- 25 लाख मुआवजा घोषित करे और प्राकृतिक आपदा में संघर्षपूर्ण तरीके से बचे मजदूरों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस नेता वीरेंद्र पोखरियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थतियों वाला राज्य है और दुर्गम क्षेत्रों में ग्लेसियर खिसकने व भूस्खलन का खतरा लगातार बना रहता है इस बार तो मौसम विभाग पूर्व में ही चेतावनी जारी कर चुका था, उसके बावजूद वहां पर सावधानी क्यों नही बरती गई? यह बड़ा सवाल है और मौसम बिगडने के बावजूद भी वहां पर काम क्यों नही रोका गया? इसका सीधा मतलब है कि बडे स्तर पर लापरवाही हुई है सरकार ने पूर्व में चमोली जिले के रैणी की घटना से भी कोई सबक नही सीखा।
पोखरियाल ने बचाव व राहत कार्य में लगे हुए फोर्स के अधिकारियों एवं जवानों की प्रशंसा करते हुए कहा उन्हे सलाम करते हुए कहा कि उन्होंने रातदिन एक कर मजदूरों को सकुशल ग्लेसियर से बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की है वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की संवेदनशील घटनायें लगतार बढ़ रही हैं उनसे हमें सबक लेकर सिखने की आवश्यकता है।