देहरादूनः उत्तराखंड में इस साल चारधाम यात्रा 30 अप्रैल अक्षय तृतीया से शुरू हो जायेगी। बताया जा रहा है कि धार्मिक परंपरा के अनुसार, अक्षय तृतीया पर दिन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से यात्रा का आगाज होता है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी यानी रविवार दो फरवरी को नरेंद्र नगर राजदरबार में पंचाग गणना पश्चात तय होगी।जिसके बाद 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पंचांग गणना से केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार 30 जनवरी को मंदिर समिति श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत को तेल कलश गाडू घड़ा सौपेंगी। योगबदरी पांडुकेश्वर और श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में पूजा-अर्चना पश्चात पंचायत के प्रतिनिधि घड़े को 2 फरवरी को राजमहल के सुपुर्द करेंगे। बाद में इसी कलश में निर्धारित तिथि पर राजमहल से तिलों का तेल पिरोकर कपाट खुलने के दिन श्री बदरीनाथ धाम पहुंचता है। विधिवत पूजा अर्चना व पंचांग गणना के पश्चात बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि घोषित की जाएगी। इसी दिन तेल कलश गाडू घड़ा यात्रा की तिथि भी तय की जाएगी। इसके लिए बीकेटीसी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि शिवरात्रि बुधवार 26 फरवरी श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पंचाग गणना पश्चात रावल, धर्माधिकारी वेदपाठी तय करेंगे. उल्लेखनीय है कि इस साल चारधाम यात्रा वर्ष की शुरुआत बुधवार 30 अप्रैल अक्षय तृतीया से हो जायेगी. परंपरागत रूप से श्री गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन खुल जायेंगे.
श्री गंगोत्री मंदिर समिति द्वारा हिंदू नव वर्ष गंगोत्री धाम के कपाट खुलने और श्री यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा यमुना जयंती पर यमुनोत्री धाम के औपचारिक रूप से कपाट खुलने के समय और देव डोलियों के धाम पहुंचने के कार्यक्रम की घोषणा की जायेगी. इसी के साथ उत्तराखंड चार धाम यात्रा की तैयारियां शुरू हो जायेगी. इसी तरह द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट खुलने की तिथि बैशाखी के दिन तय होगी.