देहरादूनः देश में सरकार द्वारा लोगों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। करोड़ों लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। ऐसी ही एक योजना है आयुष्मान योजना। जिसके तहत लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक का फ्री इलाज मिलता है। योजना के तहत आयुष्मान कार्ड जारी किया जाता है. इसमें रजिस्टर्ड सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में फ्री इलाज मिलता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए सरकार ने पात्रता तय की हैं। लेकिन कई लोग फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनवाकर योजना में लाभ ले रहे हैं। ऐसे लोगों पर अब सरकार शिकंजा कसने वाली है। बताया जा है कि उत्तराखंड में प्रदेश सरकार फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर मुफ्त इलाज की सुविधा लेने पर सख्त कार्रवाई करेगी।
मूल आधार कार्ड और राशन कार्ड से किया जाएगा सत्यापन
मिली जानकारी के अनुसार आयुष्मान योजना के लिए सरकार ने पात्रता तय की हुई हैं। उन पत्रताओं पर खरे उतरने वाले लोगों को ही सरकार की ओर से इस फ्री इलाज मिलता है। लेकिन पिछले कुछ समय से देखने को मिल रहा है कि कई लोग फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनवाकर योजना में लाभ ले रहे हैं। इस पर अब कार्यवाही होने वाली है। इसके लिए आयुष्मान कार्ड पर भर्ती मरीज के आधार पर अंकित पते का सत्यापन मूल आधार कार्ड और राशन कार्ड से किया जाएगा।
फर्जी कार्डों की जांच के लिए एनएचए की मदद
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जानकारी दी गई है कि आयुष्मान कार्ड राज्य के एनएफएसए/एसएफएसए राशन कार्ड धारक लाभार्थी को जारी किया जाता है। सीएस ने स्पष्ट किया कि कार्ड निर्माण के दौरान आधार का उपयोग केवल केवाईसी के लिए किया जाता है। राज्य के पास संग्रहित डेटाबेस (Stored Database) में मौजूद आधार के विवरण तक किसी की पहुंच नहीं है। फर्जी कार्डों की जांच के लिए एनएचए की मदद पहले से जारी है।
कॉमन सर्विस सेंटरों को सख्त निर्देश
मुख्य सचिव ने बताया कि अन्य राज्यों से आने वाले लाभार्थियों के मामले में अधिक सतर्क रहने और मूल आधार कार्ड और राशन कार्ड मांगने के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों को निर्देश दिए जा रहे हैं। कॉमन सर्विस सेंटरों को सख्त निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे किसी भी धोखाधड़ी गतिविधि में शामिल न हों अथवा सख्त कार्रवाई का सामना करें। एसएचए ऐसी किसी भी धोखाधड़ी गतिविधि का पता लगाने के लिए अधिक सतर्क रहेगा।
सूचीबद्ध अस्पतालों को एडवाइजरी होगी जारी
बैठक में बताया गया कि आयुष्मान कार्डों का विश्लेषण और सत्यापन किया जाता है। भर्ती के दौरान आधार पर अंकित पते की प्रामाणिकता की जांच करने और मूल आधार कार्ड और राशन कार्ड मांगने के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की जा रही है। पिछले 1-2 वर्षों के दौरान बने राशन कार्डों, विशेष रूप से राशन कार्ड में केवल एक सदस्य होने के सत्यापन के लिए खाद्य विभाग को निर्देश जारी किए जा रहे हैं।