यूथ कांग्रेसियों की पत्रकारों से भिड़ंत पर प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का बड़ा बयान, इन्हें बताया दोषी

Spread the love

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जहां पत्रकारों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भिडंत के बाद माहौल गरमा गया तो वहीं मामले में अब प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का बयान सामने आया है। उन्होंने मामले पर खेद जताते हुए पुलिस को दोषी बताया है। आइए जानते है विस्तार से क्या है पूरा मामला…

इन मांगों को लेकर कांग्रेस ने किया था सचिवालय कूच

मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को यूथ कांग्रेस ने बढ़ती बेरोजगारी, नशा, निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर सचिवालय कूच किया था। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सहित कई बड़े नेता भी शामिल थे। सड़कों पर हुजूम देखने को मिला। लेकिन सचिवालय घेराव करने पहुंचे यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को पुलिस ने सुभाष रोड पर बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। जिसके बाद उन्हें कांग्रेसजन ‘नशा नहीं-रोजगार दो’ के नारे लगाते हुए बैरियर पर चढ़ गए और हंगामा करने लगे।

कांग्रेसजनों और पत्रकारों के बीच हंगामा

बताया जा रहै है कि पुलिस ने इसके बाद कई नेताओं को हिरासत में ले लिया और पुलिस लाइन ले गई। लेकिन उस समय प्रेस क्लब की ओर से पुलिस लाइन में क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मैच चल रहा था। फाइनल में मुख्य अतिथि के तौर पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा पहुंचे हुए थे। यहां पर पुलिस हिरासत में ले जाए गए कांग्रेसजनों और पत्रकारों के बीच हंगामा हो गया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पत्रकारों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर अभ्रदता के आरोप लगाए है।

प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की प्रतिक्रिया , जताया खेद

वहीं मामले में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की प्रतिक्रिया सामना आई है। उन्होंने इस घटना पर खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि बुधवार को पुलिस लाइन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हर बार की तरह कल भी पुलिस प्रशासन उनको और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस लाइन ले गई। जैसा हमेशा होता आया है कि पुलिस प्रदर्शनकारियों को वहां सीढ़ियों में बैठा देती है, उसके बाद कार्रवाई की जाती है। लेकिन कल कांग्रेसियों को यह पता नहीं था कि पत्रकारों का कार्यक्रम पुलिस लाइन में चल रहा है।

गहमागहमी और गलतफहमी के बीच घटी घटना

माहरा ने आगे कहा कि शायद यह बात पत्रकारों को भी नहीं पता थी कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के बाद पुलिस यहां ले आएगी। इस दौरान गहमागहमी और गलतफहमी के बीच यह घटना घट गई। उन्होंने कहा कि अगर कोई गंभीर बात होती है, तो उस बात को पत्रकार साथी आगे बढ़ाते हैं और अगर किसी पत्रकार के साथ अन्याय होता है, तो उस समय विपक्ष उनके साथ खड़ा रहता है। ऐसे में विपक्ष और पत्रकारों का सामंजस्य लोकतंत्र के लिए बहुत आवश्यक होता है। इसलिए यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं घटनी चाहिए थी। उन्होंने इस घटना के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *