देहरादूनः उत्तराखण्ड में जहां पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए गए। प्रशासकों की नियुक्ति से नाराज ब्लाक प्रमुख व ग्राम प्रधानों ने सीएम से मुलाकात ज्ञापन सौंपा, जिसपर एक्शन लेते हुए अब समिति का गठन किया गया है। जिसके आदेश जारी किए गए है।
सीएम से की थी कार्यकाल विस्तार की मांग
बता दें कि बीते हफ्ते ही 12 जिलों की त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल खत्म हुआ। ब्लाक व ग्राम पंचायतों में अधिकारियों को प्रशासक पद पर बैठा दिया। जबकि निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक की जिम्मेदारी दी गयी। शासन के दोहरे मापदण्ड वाले आदेश के बाद ब्लाक व ग्राम प्रधान संगठन ने सीएम से मिलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि,कोविड काल में दो साल कार्य नहीं हो पाए। ऐसे में उन्होंने कार्यकाल को विस्तार देने की मांग की।
कमेटी में इन्हें दी जिम्मेदारी
जिसपर अब सचिव चंद्रेश कुमार से चर्चा के बाद शासन स्तर पर एक अपर सचिव युगल किशोर पंत की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी में पंचायती राज निदेशक निधि यादव व संयुक्त सचिव बतौर सदस्य कार्य करेंगी। यह समिति 9 दिसम्बर तक अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के बाद ही ब्लाक प्रमुख व ग्राम प्रधानों के प्रशासक बनने पर फैसला हो सकेगा।
शासन ने जारी किया ये आदेश
शासन द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि त्रिस्तरीय पंचायत के अवसान के दृष्टिगत उत्त्तराखण्ड राज्य के समस्त जनपदों (जनपद-हरिद्वार को छोड़कर) में प्रशासक की नियुक्ति किये जाने के सम्बन्ध में प्रमुख, क्षेत्र पंचायत संघ, उत्तराखण्ड के ज्ञापन दिनांक 03.12.2024 एवं प्रदेश प्रधान संगठन, उत्तराखण्ड द्वारा दिये गये ज्ञापन दिनांक 04.12.2024 तथा गा० मुख्यमंत्री जी / उच्व स्तर से प्राप्त निर्देशों, के क्रम में उत्तराखण्ड पचायतीराज अधिनियम 2016 के सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत क्षेत्र पचायत / ग्राम पंचायतों में प्रशासक की तैनाती सम्बन्धी व्यवस्था के अध्ययन एवं नियमानुसार कार्यवाही की संस्तुति करने हेतु निम्नवत् समिति का गठन किया जाता है।