उत्तराखडं: जनवरी से लागू होगी ये ग्रीन सेस की व्यवस्था, बाहर से आने वाले वाहनों को देने होंगे इतने रुपए!

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देहरादूनः उत्तराखंड में अब बाहर से आने वाले वाहनों के ग्रीन सेस के रूप में जेब ढीली करनी पड़ेगी। जी हां प्रदेश में नई व्यवस्था लागू होने वाली है। जिसके तहत अब उत्तराखंड में अपनी गाड़ी से आने वाले लोगों को ग्रीन सेस चुकाना होगा। उत्तराखंड सरकार की ओर से की गई ये नई व्यवस्था जनवरी में लागू हो जाएगी। जिसके बाद यूपी, दिल्ली- एनसीआर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों से उत्तराखंड में घुमने अपने वाहनों से आने वाले लोगों का अब खर्च बढ़ जाएगा। आइए जानते है किसे कितने रुपए देने होंगे।

प्रवेश शुल्क के रूप में ग्रीन सेस

मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर शुरू की जा रही है ग्रीन सेस की व्यवस्था नए साल से लागू होगी। जिससे उत्तराखंड में आने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों को प्रवेश शुल्क के रूप में ग्रीन सेस चुकाना होगा। राज्य में दाखिल होते ही यात्रियों के वॉलेट से एक निश्चित रकम सरकार के खाते में खुद-ब-खुद चली जाएगी। जिससे राज्य का राजस्व बढ़ेगा। उत्तराखंड के बॉर्डर पर लगे 17 कैमरे जल्द ही नई तकनीक से जुड़ने वाले हैं। जिसकी तैयारी पूरी हो गई है। आइए जानते है कैसे काम करेगी ये तकनीक..

40 से लेकर ₹80 तक रेट तय

बताया जा रहा है कि परिवहन विभाग की तरफ से अभी भारी कमर्शियल वाहनों से ग्रीन सेस लिया जा रहा है, लेकिन निजी और छोटे वाहनों से कोई वसूली नहीं की जा रही है। लेकिन अब इनसे भी वसूली की जाएगी। उत्तराखंड में ग्रीन सेस के रूप में वसूली किए जाने के रेट 40 से लेकर ₹80 तक तय किए गए हैं। उत्तराखंड के बॉर्डर से राज्य में दाखिल होने वाले भारी वाहनों से ₹80 रुपए लिए जा रहे हैं। भारी वाहनों से अभी यह पूरी वसूली पर्ची काटकर मैन्युअल की जाती है। हालांकि निजी कार के लिए 40 रुपए तय है और ये ग्रीन सेस 24 घंटे के लिए मान्य है, लेकिन व्यवस्था ना होने के कारण अभी निजी वाहनों से कोई वसूली नहीं हो पा रही है।जिसे अब भविष्य में फास्ट टैग वॉलेट से ऑनलाइन काटे जाने की योजना है।

ऑटोमेटिक व्हीकल ग्रीन सेस कलेक्शन सिस्टम

ऑटोमेटिक व्हीकल ग्रीन सेस कलेक्शन सिस्टम को शुरू करने के लिए उत्तराखंड परिवहन विभाग ने निजी कंपनी को हायर करने की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि विभाग की ओर से टेंडर प्रक्रिया हो गई है। दिसंबर पहले हफ्ते में कंपनी के चयन के बाद आगे की औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा किये जाने की तैयारी है। इस तरह नए साल से इस नई प्रणाली के लागू होने और प्रदेश से बाहर के वाहनों से सेस वसूली का काम शुरू हो जाएगा।


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