खबरनामा/देहरादूनः देहरादून के सहारनपुर रोड स्थित इंजीनियर्स क्लब के ऑडिटोरियम में हुए साहित्यिक मासिक पत्रिका ‘कविकुंभ’ के आठवें वार्षिक शब्दोत्सव का समापन हो गया है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में जहां साहित्य और समाज से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए देशभर के कवि जुटे। तो वहीं कार्यक्रम में देश में अपने दम पर संघर्ष कर अपनी पहचान बनाने वाली महिलाओं को उनके विशिष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
शब्दोत्सव के दूसरे दिन उद्घाटन के बाद पहले सत्र में काव्य पाठ हुआ । जिसमें अष्टभुजा शुक्ल ,रामविनय सिंह, रंजीता सिंह फलक, पंकज चतुर्वेदी, नलिन रंजन सिंह, को सिंह, जयप्रकाश त्रिपाठी, विजयवीर सिंह आभीर ,शालिनी सिंह, दिनेश अग्रवाल ने अपनी-अपनी कविताओं रचनाओं का संवाद किया।
कार्यक्रम के तीसरे सत्र में स्वयंसिद्धा सम्मान समारोह से विशिष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रंजीता सिंह फलक ने की। कविकुंभ और बींईग वुमेन की तरफ से समाज में संघर्ष कर आम से खास तक का सफर तय करने पर स्नेहलता नेगी, सीमा जावेद, सुशीला टाकभौरे, डॉ रानी श्रीवास्तव, डॉ अमिता दूबे, ऋतु भारद्वाज, शबाना खान सहेली, फरहा फैज़, प्रिया गुलाटी, को सम्मानित किया गया। इन सभी महिलाओं की जिंदगी अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल है। और एक सीख है कि अगर महिला थान लें तो वह मुकाम हासिल कर सकती है।
कार्यक्रम के चतुर्थ सत्र में बिजनेस और आंत्रप्रेन्योरशिप में महिलाएं जैसे अहम विषय पर परिचर्चा की गई। जिसमें ऋतु भारद्वाज, रंजीता सिंह, सीमा जावेद ने अपने विचार रखे और महिलाओं से आगे बढ़ कर महिलाओं को बिजनेस करने के लिए प्रेरित किया। जबकि पांचवें सत्र में साहित्य ,सिनेमा और ओटीटी में स्त्री की बदलती भूमिका पर ग्राफिक ऐरा के रंगमंच के छात्र-छात्राओं ने नाटक की प्रस्तुति की। अपने नाटक के द्वारा जहां छात्र-छात्राओं ने दर्शकों को मंत्रमुद्ध कर दिया तो वहीं एक बड़े विषय पर सोचने पर मजबूर कर दिया।
जिसके बाद आलोचना सत्र शुरू किया गया। जिसमें आरोप के घेरे में आलोचना/आरोप के कटघरे में आलोचना विषय पर चर्चा की गई । जिसमें विपिन शर्मा ,नलिन रंजन सिंह ,पंकज चतुर्वेदी अपने विचार रखते हुए आलोचना पर अपनी बात रखी। जिसका संचालन रंजीता सिंह ने किया।
जिसके बाद काव्य पाठ किया गया। जिसमें कवित्री आशा,रंजीता सिंह, सुधा द्विवेदी सुगंधा सहित कई कवियों ने जहां अपनी गजलों और कविताओं से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। सांस्कृतिक संध्या में कव्वाली/बैंड में युवाओं ने शानदार प्रस्तुति दी तो वहीं इवा प्रताप सिंह ने अपने नृत्य से समां बांध दिया।
बांसुरीवादन योहोर जिहालो की बांसुरी की धुन पर हर कोई थिरक उठा। सितारवादन राज घोसवारे ने बेहतरीन प्रस्तुति दी। जिसके बाद दानिश,अजय ढौंढियाल,दीपचंद महावार ने शानदार गीतों से झूमने पर मजबूर कर दिया।