देहरादून: यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) की नियमावली का ड्राफ्ट रूल्स मेकिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमेटी ने शुक्रवार 18 अक्टूबर को सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। माना जा रहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को इस साल नवंबर से लागू किया जाना है. इस नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इसे लागू किया जाएगा. आपको बता दें कि राज्य स्थापना दिवस यानी 9 नवंबर के दिन इसे लागू किया जा सकता है.
संहिता के नियमों का सही से कार्यान्वयन हो इसके लिए एक नई समिति तैयार की गई है. इसी समिति ने आज नियमावाली की हिंदी और इंग्लिश कॉपी सीएम धामी को सौंपी. नियमवाली को चार भागों में बांटा गया है.
- 1. विवाह और तलाक
- 2. लिव इन रिलेशनशिप
- 3. जन्म और मृत्यु
- 4. उत्तराधिकार.
ये नियम होंगे लागू
- सभी धर्मों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और उत्तराधिकार के लिए एक ही कानून
- हर दंपत्ति के लिए तलाक व शादी का पंजीकरण कराना अनिवार्य
- विवाह के लिए पुरुष की न्यूनतम आयु 21 और महिला की 18 वर्ष होगी
- एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना प्रतिबंधित होगा
- संपत्ति में बेटा और बेटी को बराबर अधिकार
- वैध अवैध संतान में कोई भेद नहीं
- गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार
- लिव इन में रहने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य
इसके अलावा सरकार की ओर से एक ऑनलाइन पोर्टल और ऐप भी शुरू किया गया है. ऐप और पोर्टल से नागरिकों को घर बैठे सारी सुविधाएं मिल सकेंगी. आज नियमावली सौंपे जाने के मौके पर सीएम ने कहा कि यूसीसी का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लाना है. यह समाज में सभी को समान अधिकार देगा और न्याय दिलाने का काम करेगा. आपको बता दें कि यूसीसी लागू होते ही उत्तराखंड ऐसा ऐतिहासिक कदम उठाने वाला पहला राज्य बन जाएगा.
2022 विधानसभा चुनाव में सीएम धामी ने की थी घोषणा:
दरअसल, साल 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि यदि उनकी सरकार दोबारा से सत्ता में आती है वो प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लेकर आएंगे. 2022 के विधानसभा में जनता ने बीजेपी को जिताया और पुष्कर सिंह धामी दोबारा से प्रदेश के मुखिया बने.
दोबारा सीएम बनने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत यूनिफॉर्म सिविल कोड पर काम शुरू किया. यूसीसी का मसौदा तैयार के लिए धामी सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया. कमेटी ने कई महीनों तक चर्चा, विचार-विमर्श और आम जनता की राय लेकर यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार कर सीएम धामी को सौंपा, जिसे धामी कैबिनेट ने मंजूरी दी.