विरासत उत्सव क्या कुछ रहेगा खास, देश और दुनिया के कितने और कालाकार करेंगे प्रतिभाग, जानें एक क्लिक में
देहरादूनः उत्तराखंड में विरासत उत्सव को लेकर सभी को इंतजार रहता है और इस बार भी विरासत की तैयारिया पूरी हो गई है। 15 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक चलने वाले इस उत्सव को एफ्रो एशिया का सबसे बड़ा लोक और सांकृतिक फेस्टिवल माना जाता है। विरासत के बारे में मीडिया से बात करते हुए REACH के संस्थापक व महासचिव आर के सिंह ने बताया कि इस बार विरासत में देश और दुनिया के तीस से ज़्यादा अलग अलग क्षेत्र के कलाकार भाग लेंगे और इस बार उज़्बेकिस्तान से आए हुए चार कलाकार अपनी कला से विरासत में आए लोगो का मन मुग्ध करेंगे।
विरासत का जश्न
बता दें कि रूरल एंटरप्रेन्योरशिप फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (रीच) कि ओर से राजपुर रोड स्थित एक होटल में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें संस्था के वरिष्ठ सदस्यों ने आयोजन के बारे में संपूर्ण जानकारी लोगो को दी। प्रेस वार्ता में रीच के संस्थापक एवं महासचिव आरके सिंह ने कहा ’विरासत – भारतीय और अंतरराष्ट्रीय लोक और शास्त्रीय नृत्य, संगीत, कला, शिल्प और भारत की व्यापक विरासत का जश्न मनाने वाला वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सब है। यह महोत्सव 15 अक्टूबर, 2024 से डॉ. बीआर अंबेडकर स्टेडियम, कौलागढ़ रोड, देहरादून, उत्तराखंड में शुरू होगा।
लोक और शास्त्रीय कला का प्रदर्शन
एक पखवाड़े तक चलने वाले उत्सव का समापन 29 अक्टूबर, 2024 को होगा l विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2024 का शुभारंभ उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री माननीय सतपाल महाराज जी द्वारा किया जाएगा। भारतीय परंपरा, सांस्कृति और विरासत को बनाए रखते हुए, महोत्सव में कारीगर और शिल्पकार इस मंच के माध्यम से अपनी लोक और शास्त्रीय कला का प्रदर्शन करेंगे।
आकर्षण का केंद्र होगा यह सब
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए रीच संस्था संस्थापक एवं महासचिव आरके सिंह ने कहा ने कहा ” 15 दिवसीय कार्यक्रमों में सुबह और दोपहर के समय में विरासत साधना शामिल होंगी – जो देहरादून के स्कूलों और कॉलेजों के युवा और उभरते कलाकारों के लिए एक मंच है, जो अपनी प्रतिभा का मंचन करेंगे, मास्टर कारीगरों द्वारा एक शिल्प कार्यशाला, विंटेज कार एवं बाइक रैली, विरासत प्रश्नोत्तरी, फोटोग्राफी प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम भी शामिल होंगे। वही के.एल.पांडेय, सोहेल हाशमी, अर्शिया सेठी जैसे विशेषज्ञों द्वारा संगीत और साहित्य पर बातचीत भी आकर्षण का केंद्र होगा।
विभिन्न समूह और कलाकार देंगे प्रस्तुती
उत्तराखंड के लोकप्रिय छोलिया नृत्य, चक्रव्यूह, गोवा के सांस्कृतिक लोक नृत्य, उत्तर प्रदेश और बिहार के लोक संगीत ओडिसी नृत्य के साथ-साथ कव्वाली, योगा, नेवी बैंड जैसे कार्यक्रम विभिन्न समूहों और कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जाएंगे।
विरासत में ये सितारे देंगे लगाएगे अपनी प्रस्तुती से चार चांद
लोक और सूफी संगीत, ग़ज़ल, हिंदुस्तानी और कर्नाटक शास्त्रीय संगीत, साथ ही भरतनाट्यम और कथक जैसे नृत्य रूप और सरोद, तबला, बांसुरी, मैंडोलिन, वायलिन और पियानो पर प्रदर्शन के साथ वाद्य संगीत का भव्य कार्यक्रम इस साल दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगा वही रागिनी शंकर, सोंगावर्ती दास, राजेंद्र गंगानी, अवनींद्र शेओलिकर, मालिनी अवस्थी, रुचिरा केदार, समन्वय सरकार, पंडित साजन मिश्रा और स्वरांश मिश्रा, मो. अनवर खान कव्वाल, शिंजिनी कुलकर्णी, ओंकार दादरकर, संस्कृति और प्रकृति वहने, प्रतिभा सिंह बघेल, अनोल चटर्जी, रोनू मजूमदार और शशांक सुब्रमण्यम, जवाद अली खान, वडालिस द्वारा सूफी गायन, प्रवीण गोडखिंडी, उस्मान मीर, अभिषेक लाहिड़ी, ब्रायन सिलास, महेश काले, मंजरी चतुर्वेदी, उषा उत्थुप जैसे लोक प्रिय कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देगें।
प्रेस वार्ता में रूरल एंटरप्रेन्योरशिप फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (रीच) कि ओर से जनरल सेक्रेटरी आर.के.सिंह, लोकेश ओहरी निदेशक प्रोग्राम , हरीश अवल ट्रस्टी, विजयश्री जोशी संयुक्त सचिव, सुनील वर्मा डायरेक्टर क्राफ्ट, प्रियंवदा अय्यर मीडिया प्रभारी, प्रदीप मैथल कार्यालय प्रशासक आदि मौजूद रहे।