उत्तराखंड में निकाय चुनावों से पहले इन पदों हुआ बड़ा बदलाव, जल्द शुरू होगी ये प्रक्रिया

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देहरादून: उत्तराखंड के नगर निकाय चुनावों से पहले एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की अनुपूरक रिपोर्ट से मेयर, पालिका चेयरमैन व नगर पंचायत अध्यक्ष के पदों में बदलाव हो गया है। इसी महीने से निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।

बृहस्पतिवार को एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस वर्मा ने यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी। अब इसी हिसाब से निकाय चुनाव होंगे। निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए सरकार जल्द अध्यादेश लाएगी। कैबिनेट की बैठक में इसका एक प्रस्ताव आएगा।

अनुपूरक रिपोर्ट आने के बाद नौ के बजाए 11 नगर निगमों का आरक्षण तय हो गया है। इनमें मेयर का एक पद अनुसूचित जाति, आठ पद सामान्य और दो पद ओबीसी के होंगे। पहले सामान्य के छह पद थे। इसी प्रकार, नगर पालिकाओं में अब चेयरमैन के 41 के बजाए 45 पद होंगे। इनमें से अनुसूचित जाति के पद पूर्व की भांति छह ही होंगे।

अनुसूचित जाति के छह, अनुसूचित जनजाति के एक पद होंगे

अनुसूचित जनजाति का भी एक ही पद होगा। सामान्य वर्ग के पदों की संख्या 22 से बढ़कर 25 हो गई है। ओबीसी के पदों की संख्या भी 12 से बढ़कर 13 हो गए हैं। नगर पंचायतों में 45 के बजाए 46 पद होंगे। इनमें अनुसूचित जाति के छह, अनुसूचित जनजाति के एक पद होंगे।

सामान्य पदों की संख्या 23 से बढ़कर 24 और ओबीसी के पदों की संख्या 16 से घटकर 15 हो गई है। इस मौके पर सचिव शहरी विकास नितेश झा, सदस्य सचिव मनोज कुमार तिवारी और सुबोध बिजल्वाण मौजूद रहे। 2011 की जनगणना के हिसाब से हुए ओबीसी सर्वेक्षण में ओबीसी की आबादी का आंकड़ा भी बदल गया है। पूर्व की रिपोर्ट में नगर पालिका में ओबीसी की आबादी 28.10 थी, जो अब 28.78 प्रतिशत हो गई। नगर पंचायतों में ओबीसी की आबादी 38.97 से घटकर 38.83 प्रतिशत हो गई है। नगर निगमों में ओबीसी की आबादी 18.05 से घटकर 17.52 प्रतिशत हो गई है।


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