आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इजरायल को दिया कड़ा संदेश, एक क्लिक में पढ़ें भाषण के अहम प्वाइंट
हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह की शहादत के बाद इजराइल और ईरान के बीच जहां तनाव बढ़ गया है. ईरान की ओर से इजराइल पर 200 से अधिक रॉकेट दागे गए हैं। रॉकेट से इजराइल को काफी नुकसान पहुंचा है. ईरान ने कहा है कि उसने ये हमले हानिया और हसन नसरल्लाह की मौत के बदले में किया है. ईरान- इजराइल युद्ध के कारण ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई चर्चा में हैं। जहां चर्चा थी कि वह बंकर में छुप गए है तो वहीं उन्होंने आज लाखों लोगों को जुमे की नमाज पढ़ाई तो वहीं ऐसा भाषण दिया कि जो पूरी दुनिया के लिए अहम है। इस दौरान उनके पास हाथ में असाॅल्ट रायफल भी मौजूद रही। जो ये संदेश दे रही थी कि दुश्मन उन्हें कमजोर न समझे वह एक सैनिक भी है और डरकर छुपे नहीं है।
बता दें कि इजरालय पर मिसाइलों से हमला करने के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने तेहरान की ग्रैंड मुसल्ला मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ाई.इस अवसर पर उन्होंने वहां मौजूद लाखों लोगों को संबोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने सात अक्तूबर 2023 को हमास की ओर से इजरायल और 1 अक्तूबर के मिसाइल हमले को जाजय ठहराया.खामेनेई ने इस अवसर का उपयोग इजरायल को कोसने के लिए किया. उन्होंने इजरायल के खिलाफ दुनिया के मुसलमानों के एक होने की अपील की. उन्होंने हिज्बुल्लाह और हमास के प्रतिरोध की सराहना की.
यह ध्यान देने योग्य है कि गाज़ा और लेबनान पर ज़ायोनी सरकार के आक्रमण में वृद्धि और सैयद हसन नसरुल्लाह तथा अन्य प्रतिरोधी नेताओं की शहादत के बाद रहबर-ए-इंक़लाब इस्लामी की इमामत में जुमआ की नमाज़ को विशेष महत्व दिया जा रहा है।
नमाज़ से पहले नमाज़ियों के विशाल समूह ने अल्लाह की राह में अपने प्राणों की कुर्बानी देने वाले जिहादियों और इस्लामी उम्माह के प्यारे शहीद हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद हसन नसरुल्लाह और उनके साथियों जिसमें शहीद सरदार फरौशन भी शामिल हैं की याद में एक शोक सभा आयोजित की गई और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस सभा में तीनों सरकारी प्रमुखों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण सैन्य और नागरिक अधिकारी भी महान जिहादी और प्रतिरोध के प्रतीक, शहीद हसन नसरुल्लाह की याद में शामिल हुए। सभा की शुरुआत कुरआन की आयात की तिलावत से हुई जिसके बाद अहमद बाबाई ने शहीद हसन नसरुल्लाह और उनके बहादुर साथियों की शान में भावुक शायरी पेश की। इसके बाद बहरैन के मशहूर सिपाही हुसैन अलअकरफ ने जोश भरे अंदाज़ में मदीह पढ़ी, जिसके दौरान जोशीला नारा मस्जिद के आंगन में गूंज उठी।
इसके बाद मशहूर मद्दाह ख़्वान मेंहदी रसूली ने मदीह पढ़ी जिसमें नमाज़ियों ने अपने हाथों को बंद करके ऊपर उठाया और पूरे जोश के साथ खैबर खैबर या हैदर और लानत अल्लाह की य इस्राईल पर जैसे नारों से वातावरण गूंज उठा। इस अवसर पर मोहम्मद रसूलि ने भी एक प्रभावशाली कविता पेश की,अगर दुनिया भी तुम्हारे पीछे हो हमारे पास पंजतन पाक का सहारा है। यह भव्य सभा शहादत, प्रतिरोध और उम्माह की एकता के जज़्बे का प्रतीक बनकर भाग लेने वालों के दिलों में एक नया हौसला और आत्मविश्वास पैदा कर रही है।
अयातुल्ला खामेनेई ने कहा, “नसरल्लाह मेरा भाई, मेरा प्रिय और मेरा गौरव, इस्लामी दुनिया का प्रिय चेहरा था.” उन्होंने नसरल्लाह को लेबनान का चमकता हुआ रत्न बताया. सुप्रीम लीडर ने कहा, “मुझे लगा कि तेहरान में जुमे की नमाज में सैय्यद हसन नसरल्लाह (भगवान उन्हें आशीर्वाद दें और उन्हें शांति प्रदान करें) को श्रद्धांजलि देना और सभी को कुछ सूचनाएं देना आवश्यक है.”
उन्होंने कहा, “इस खुतबे को सुनने वाली पूरी इस्लामी दुनिया हैं, लेकिन यह विशेष रूप से लेबनान और फिलिस्तीन के प्यारे राष्ट्र को संबोधित है. हम सभी सैयद की शहादत से दुखी है. यह एक बड़ी क्षति है और हम बहुत दुखी हैं, लेकिन हमारे शोक का मतलब अवसाद, संकट और निराशा नहीं है.”
उन्होंने कहा कि भले ही नसरल्लाह का शरीर इस दुनिया से चला गया है, लेकिन उनका असली व्यक्तित्व, उनकी आत्मा, उनका तरीका और उनकी एक्सप्रेसिव वॉइस अभी भी हमारे बीच है और हमेशा हमारे साथ रहेगी.
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई का यह इजरायल पर मिसाइल हमले के बाद पहला भाषण था.खामेनेई ने करीब पांच साल बाद इस तरह का भाषण दिया है. इजरायल की ओर से लेबनान में हिज्बुल्लाह पर हमले के बाद भी यह पहला भाषण था. इस दौरान उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों की संख्या में लोग तेहरान में जमा हुए. जहां से खामेनेई ने नमाज पढ़ाई, उस मंच पर हिज्बुल्लाह नेता शहीद हसन नसरल्लाह की तस्वीर भी लगी हुई थी.कुछ लोग वहां हिज्बुल्लाह का हरा-पीला झंडा लिए हुए थे. कुछ लोग फलस्तीन का झंडा लिए हुए भी थे.
खामेनेई ने यह भी कहा कि हमास की ओर से पिछले साल सात अक्टूबर को इजरायल पर किया गया हमला वैध था. उन्होंने एक अक्टूबर को इजरायल पर ईरान की ओर से किए गए मिसाइल हमलों को भी वैध बताया. उन्होंने कहा कि सभी देशों के पास आत्मरक्षा का अधिकार है.
खामेनेई ने कहा कि हमास और हिजबुल्लाह को इजरायल से लड़ने का कानूनी अधिकार है। हर एक इंसान को हमलावरों के खिलाफ अपनी भूमि, घर, देश और हितों की रक्षा करने का अधिकार है। लेबनान में हिजबुल्लाह और गाजा में हमास अपनी जमीन बचाने के लिए हमलावरों से लड़ रहे हैं किसी भी अंतरराष्ट्रीय निकाय के पास उनकी भूमि और अधिकारों की रक्षा पर आपत्ति करने का अधिकार नहीं है।
मुसलमानों से एकजुट होने की अपील करते हुए ईरान के सर्वोच्च नेता ने कहा, ‘हमें अफगानिस्तान से यमन, ईरान से गाजा और लेबनान तक सभी इस्लामी देशों में रक्षा की कमर कसनी होगी। यह पहला मुद्दा है जिस पर मैं चर्चा करना चाहता था। मैं चाहता हूं दुनिया गरीब मुस्लिमों के लिए आगे आए। अरब के देशों से भी मैं कहना चाहता हूं कि वह इस लड़ाई में लेबनान, फिलिस्तीन का साथ दें।’
लोगों को संबोधित करते हुए रहबरे मोअज्जम खामेनेई ने कहा कि हमारा दुश्मन एक ही है. उन्होंने कहा कि दुश्मन ने जो नीति अपनाई है, वह मुसलमानों को बांटने और देशद्रोह के बीज बोने वाली हैं. वे फलस्तीनियों, लेबनानी, मिस्रवासियों और इराकियों के साझा दुश्मन हैं. वे यमनी और सीरियाई लोगों के भी दुश्मन हैं. ये दुश्मन चाहता है कि किसी भी सूरत में मुसलमान एक ना हों, मुसलमानों में फूट पड़ी रहे। दुश्मन को पहचानते हुए मुसलमान साथ आएं।’
खामेनेई ने ये भी कहा कि इजरायल को अमेरिका और पश्चिमी देश समर्थन कर रहे हैं क्योंकि वो इस क्षेत्र की तेल संपदा और सभी संसाधनों को जब्त करना चाहते है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और इजरायल हमें लूटना चाहते हैं। ऐसे में इनके खिलाफ किसी की भी लड़ाई केवल क्षेत्र के लिए बल्कि पूरी मानवता की सेवा की तरह है।
खामेनेई ने कहा कि ईरान इजरायल का मुकाबला करने का अपना कर्तव्य निभाने में देरी या जल्दबाजी नहीं करते हैं.राजनीतिक और सैन्य रणनीतिकारों की राय में जो सही कदम होगा, उसे उचित समय पर उठाया जाएगा.उन्होंने कहा कि यदि जरूरी हुआ तो इसे भविष्य में भी किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि फलस्तीनियों को अपनी रक्षा करने का कानूनी अधिकार है.उनके पास अपराधियों और जमीनों पर कब्जा करने वाली ताकतों के सामने भी खड़ा होने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि दुनिया में एक भी अदालत या कोई ऐसा अंतरराष्ट्रीय संगठन नहीं जो फलस्तीनियों को अपनी जन्मभूमि की रक्षा करने के लिए दोषी ठहरा सके.
हसन नसरल्लाह का शरीर को चला गया है, लेकिन उनका चरित्र, उनकी आत्मा, उनका तरीका और उनकी आवाज अभी भी हमारे बीच मौजूद है और रहेगी. वह अत्याचारियों के खिलाफ प्रतिरोध की बलुंद आवाज थे. उनका प्रभाव लेबनान, ईरान और अरब देशों से भी आगे निकल गया है.उनकी शहादत से यह प्रभाव और बढ़ेगा.
दुश्मन अल्लाह के नाम पर बने हिजबुल्लाह या हमास या इस्लामिक जिहाद और अन्य जिहादी संगठनों की मजबूत संरचना को गंभीर रूप से नुकसान नहीं पहुंचा सकता है, इसलिए वह हत्या, विध्वंश, बमबारी,आम लोगों की हत्या कर लोगों को दुखी करने को वह अपनी विजय के रूप में दिखाता है.
इस अवसर का इस्तेमाल खामेनेई ने हिज्बुल्ला और हमास के कामकाज की सराहना करने के लिए किया. उन्होंने कहा कि ये गाजा और अल-अक्सा मस्जिद की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने इस काम को पूरे इलाके की रक्षा और इस्लामिक दुनिया की सेवा बताया.
खामेनेई ने अपने भाषण में अमेरिका की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि इजरायल केवल इसलिए जिंदा है, क्योंकि उसे अमेरिका का समर्थन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अल्लाह ने चाहा तो यह बहुत दिनों तक नहीं रहेगा. उल्लेखनीय है कि ईरान के मिसाइल हमले के बाद अमेरिका ने इजरायल की रक्षा करने की बात करने की बात फिर दोहराई थी.
अपने भाषण से वहां मौजूद लोगों को खामेनेई ने यह बात समझाने की कोशिश की कि फलस्तीन और लेबनान के लड़ाकों का संघर्ष जाया नहीं जाएगा, यह यहूदियों के शासन को सत्तर साल पीछे ले जाएगा