खबरनामा/ पिथौरागढ़: उत्तराखंड में बारिश से हाहाकर मचा हुआ है. चंपावत के बाद पिथौरागढ़ से भी बादल फटने की घटना सामने आई है। पिथौरागढ़ जिले में बिसाड़ इलाके के गढ़कोट गांव में बादल फटा है। बादल फटने के बाद पहाड़ी से आया मलबा एक घर में घुस गया, जिससे घर में मौजूद महिला और चार मवेशियों की मौत हो गई। प्रदेश में अब तक मलबे में दबने-नदी नालों में बहने से पांच लोगों की मौत हो गई है जबकि 324 मार्ग अवरुद्ध है।
बता दें कि शुक्रवार को कुमाऊं मंडल के चंपावत जिले में भी बादल फटा है. यहां भी दो महिलाएं आपदा की भेंट चढ़ गई. वहीं दो लोगों को हल्की चोटें आई है. चंपावत में भी बादल फटने के बाद आपदा जैसे हालत बने हुए है। तो वहीं सीमांत जिले पिथौरागढ़ में एक गांव में बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है. यहां पहाड़ी से आए सैलाब में एक महिला और चार मवेशियों की दबकर मौत हो गई.
वहीं चंपावत में भी शुक्रवार को बादल फटने से दो महिलाओं की मौत हुई थी। मामले की जानकारी मिलते ही पिथौरागढ़ पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची और राहव व बचाव के कार्यों में जुटी. पिथौरागढ़ पुलिस ने अपने प्रेस नोट में बादल फटने की जानकारी दी है।
वहीं बारिश और मलबा आने से राज्य में 324 मार्ग बंद हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, सबसे अधिक 57 मार्ग पौड़ी जिले में बंद हैं। नैनीताल में 56, चमाेली में 50, पिथौरागढ़ में 42, चंपावत में 39, अल्मोड़ा, टिहरी और रुद्रप्रयाग में 17-17, देहरादून में 13, बागेश्वर में नौ, उत्तरकाशी में पांच, ऊधमसिंह नगर दो सड़कें बंद है।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के मुताबिक, कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे मार्ग खोलने में समस्या आ रही है। कई जगह मार्ग खोला गया, पर बाद में भूस्खलन से फिर बंद हो गया। लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष दीपक यादव कहते हैं कि अभी तक इतनी बड़ी संख्या में मार्ग बंद नहीं हुए थे। सुरक्षा के पहलू को ध्यान में रखते हुए मार्गाें को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को 62 मार्ग खोले भी गए। वहीं, टिहरी बांध का जल स्तर 827.32 मीटर पर पहुंच (बांध का अधिकतम जल स्तर-830 मीटर है) गया।