खबरनामा/ देहरादूनः उत्तराखंड में देहरादून से लेकर प्रदेश के अन्य जिलों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है. सबसे बुरा हाल प्रदेश की राजधानी देहरादून में हो रखा है. बारिश के बाद यहां की तमाम सड़कें जलमग्न हो रखी है. सावन की पहली बारिश ने ही नगर निगम और जिला प्रशासन के सारे दावों की पोल खोल कर दी है.
जी हां जब आपका वाहन हवाओं से बातें करते हुए आईएसबीटी के बने फ्लाईओवर से गुजरते होगा तो आपको लगता होगा कि वाकई देहरादून शहर स्मार्ट सिटी बन ही गया है लेकिन अगर आप इसके नीचे से गुजरे तो यहां की सड़कों पर गड्ढे और उनमें भरा हुआ पानी देखकर आपका भ्रम दूर हो जाएगा. सड़कों के गड्ढे वाहन चालकों से लेकर पैदल राहगीरों की मुसीबत का सबब बन रहे हैं.
देहरादून स्मार्ट सिटी का अन्तर्राज्यीय बस अड्डा हर साल बरसात में खस्ताहाल रहता है. अगर आप बारिश होने के दौरान यहां से गुजरे तो यहां आपको सड़कों पर ही तालाब नजर आएगा और यह तालाब बारिश के पानी के साथ-साथ सीवरेज के पानी से बनता है. बता दें कि एक बार फिर भारी बारिश के बाद पूरा देहरादून पानी-पानी हो गया है. सड़कें नदियों में तब्दील हो गई है. देहरादून की सड़कों पर लोगों पर लोगों का पैदल तो छोड़िए गाड़ियों से चलना भी मुश्किल हो गया है.
राजधानी देहरादून में बने इन हालात को कुदरत मार कहे या फिर नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही. मॉनसून की दस्तक देने से पहले देहरादून नगर निगम और प्रशासन ने दावा किया था कि इस बार लोगों को जलभराव का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि शहर के सभी नदी-नाले को साफ कर दिए गए है. लेकिन सोमवार 22 जुलाई को जैसे ही देहरादून में मूसलाधार बारिश हुई, पूरा शहर जलमग्न हो गया.
देहरादून निवासी नरेशचंद्र का कहना है कि देहरादून की कोई भी सड़क ठीक नहीं है. बरसात के दिनों में ही यह लोगों के लिए मुसीबत बनती हैं. उनका कहना है कि गड्ढों वाली सड़कों से गुजरना महाभारत है. उन्होंने कहा कि देहरादून में एक्सीडेंट होने का खतरा बढ़ गया है क्योंकि सड़के तो टूटी हुई है ही बल्कि नालियां भी खुदी हुई पड़ी हैं.शहर के कई इलाके जैसे गांधी पार्क, राजपुर रोड, प्रेम चौक और आईएसबीटी की सड़कें बारिश होते ही खराब होती हैं जिन पर चलना बहुत मुश्किल होता है।