देहरादूनः विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एस.एफ.आई., सिटीजन्स फॉर ग्रीन दून, भारतीय ज्ञान विज्ञान समिति, एवं डी.पी.पी.सी. द्वारा एक वाक एंड टॉक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप देहरादून के प्रख्यात इतिहासकार एवं बेहतरीन किस्सागो अजय शर्मा मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए एस.एफ.आई. के प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा ने कहा कि यह कार्यक्रम भी खलंगा बचाओ मुहीम का हिस्सा है। शहर की नदियों और वनों को बचाने के लिए निरंतर गतिविधियों को करना आवश्यक है।
मुख्य वक्ता अजय शर्मा ने पेड़ों को काटने की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को प्रस्तुत करते हुए कहा की लोहे की खोज के बाद पेड़ों के कटान में भारी तेजी आयी। अगर पेड़ों बचाने की शुरुआत उनको जानने से होती है। देहरादून विश्व की सबसे खूबसूरत घाटियों में शुमार हुआ करती थी अब गर्मी और अनियंत्रित विकास से यहाँ का बुरा हाल है।
उन्होंने कहा इंसान वृक्ष तो लगा सकता है पर जंगल नहीं बना सकता जंगल को प्रकृति बनाती है इसलिए हमें अपने जंगलों को बचाना होगा। खलंगा के सम्बन्ध में कहा कि साल के जंगलों को हम ऊगा नहीं सकते वे प्रकृतिक रूप से उगते हैँ इसलिए उन्हें बचाना बहुत जरूरी है।
सी एफ जी डी की इरा चौहान ने कहा कि उनकी पेड़-पौधों-पंछीयों के बारे में की गयी बातों ने सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में गाँधी पार्क में मौजूद पेड़ों से परिचय के बाद सभी ने पेड़ों को गले से लगाया और उन्हें बचाने का प्रण लिया।
कार्यक्रम का समापन जनगीतकार चन्दन सिंह नेगी, त्रिलोचन भट्ट, एस.एफ.आई. राज्य सचिव हिमांशु चौहान, राज्य उपाध्यक्ष शैलेन्द्र परमार, गौरी एवं रीता पठानिया द्वारा जनगीत गाकर किया।
कार्यक्रम में बी जी वी एस के राज्य अध्यक्ष विजय भट्ट, राज्य सचिव कमलेश खँतवाल, इन्द्रेश नौटियाल, उमा भट्ट, स्मृति नेगी, किशोर आदि बहुत से पर्यावरण प्रेमी मौजूद रहे.