जलते जंगल वनमंत्री नदारद, आखिर कब और कैसे बुझेगी आग

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 अब तक 1,196 हेक्टेयर जंगल जलकर राख, करोंड़ों की वन संपदा चढ़ी आग की भेंट

गढ़वाल से कुमाऊं तक वनाग्नि से हाहाकार, अब तक 5 लोगों की मौत

खबरनामा/ देहरादून। उत्तराखंड के कई जिलों में आग का कहर जारी है। प्रदेशभर में जंगल दहक रहे हैं. इस वनाग्नि में कई लोग झुलस चुके हैं तो कई लोग जान भी गंवा चुके हैं. करोड़ों की वन संपदा इस वनाग्नि की भेंट चढ़ गए हैं. वनाग्नि के कारण जंगली जानवरों के प्राण भी संकट में आ गए हैं. जिधर भी नजर दौड़ाएं तो उधर धुंध ही धुंध नजर आ रही है, अब तक 1,196 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए है। लेकिन वनाग्नि को रोका नहीं जा सका है.

वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तराखंड में अभी तक 930 जगह आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी है, जबकि, 1,196 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गया है. सबसे ज्यादा घटनाएं कुमाऊं के आरक्षित वन क्षेत्र से सामने आई हैं, जहां 351 घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं. वहीं, गढ़वाल के आरक्षित वन क्षेत्र में 188 जगहों पर आग लगने की घटना दर्ज की गई है. उधर, सिविल वन पंचायत इलाकों में की बात करें तो गढ़वाल में 177 जगह आग लगी है तो वहीं कुमाऊं में 140 जगह ऐसी हैं, जो सिविल क्षेत्र का हिस्सा है. अब तक कुमाऊं क्षेत्र में जहां 674 हेक्टेयर वन भूमि पूरी तरह से राख हो गई है. जबकि, गढ़वाल में 433 हेक्टेयर भूमि को नुकसान पहुंचा है. वन विभाग की मानें तो अब तक वनाग्नि में 5 लोगों की मौत हो चुकी है.

उत्तराखंड में सबसे ज्यादा आग की घटनाएं कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा, नैनीताल और बागेश्वर जिलों में देखने को मिल रहे हैं. इसके बाद गढ़वाल के पौड़ी और उत्तरकाशी के आसपास के इलाके भी खूब जल रहे हैं. हालांकि, वन विभाग का दावा है बागेश्वर और चंपावत में जो आग लगी हुई थी, उसे रविवार देर शाम तक काबू पा लिया था, लेकिन अल्मोड़ा और नैनीताल में अभी भी जंगल जल रहे हैं.  पिथौरागढ़ में भी अब तक 106 आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. पर्यटक स्थल मसूरी की बात करें तो 42 घटनाएं यहां पर रिकॉर्ड की गई है. वहीं, पौड़ी वन विभाग में अब तक 65 घटनाएं हो चुकी हैं. वन विभाग ने पिथौरागढ़, गंगोलीहाट, बेरीनाग, डीडीहाट, अस्कोट, धारचूला, मुनस्यारी, चंपावत में पाटी ब्लॉक और भिंगराडा संवेदनशील इलाकों में रखा है.

वहीं वन विभाग की मानें तो अभी तक जंगल में आग लगाने के मामले में 383 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. जिसमें 315 अज्ञात और 59 ज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. इसके अलावा 60 नामजद आरोपियों के खिलाफ वन विभाग ने केस दर्ज किया है. उधर, सीएम धामी ने खेतों में फसल कटाई के बाद आग लगाने पर रोक लगा दी है. ताकि, आग खेतों से जंगलों की तरफ ना जाए.

वहीं कुमाऊं के बाद अब गढ़वाल में आग बुझाने के लिए सरकार ने एक बार फिर वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद ली है. पौड़ी के खिर्सू ब्लॉक के गोड़ख्याखाल, मांडाखाल, ग्वाड़ीगाड, भटीगांव व छानी के जंगलों में धधकती आग पर काबू पाने के लिए जिला प्रशासन ने 6 मई को वायुसेना की मदद ली. एयरफोर्स के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने शाम के समय श्रीनगर डैम से पानी लेकर वना​ग्नि प्रभावित क्षेत्रों पर बौछार की. वायुसेना की इस मदद से काफी हद तक आग पर नियंत्रण हो पाया है. इसके साथ ही रुद्रप्रयाग के जंगलों की आग शांत करने के लिए भी वायु सेना का हेलीकॉप्टर मदद कर रहा है.


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