ब्यूरो उमेश श्रीवास्तव/ रायबरेली: अलग-अलग मुकदमों में वांछित चल रहे आरोपी को गिरफ्तार करना पुलिस विभाग के लिए किरकिरी बन गया। गिरफ्तार किए गए आरोपी ने पुलिस अधीक्षक और खीरों थाना पुलिस पर टैक्सी न देने पर जबरन गिरफ्तारी करने का आरोप लगाते हुए पुलिस की छवि धूमिल करने की कोशिश की।
पुलिस की कार्रवाई से नाराज आरोपी ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि कि गत वर्ष अक्टूबर माह में पुलिस की ओर से उससे टैक्सी मांगी गई। न देने पर उसे झूठे मामले में फंसा कर गिरफ्तार किया गया। जिस पर कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को जवाब तलब किया है।
अब प्रश्न यह उठता है कि जब पुलिस अधीक्षक की तैनाती वर्ष 2024 के 5 जनवरी को जिले में मिली, तो पुलिस अधीक्षक पर यह आप कैसे लग सकता है। पुलिस प्रशासन के पास पर्याप्त संसाधन होने के बावजूद निजी टैक्सी को हायर करने की जरूरत ही क्या है।
वहीं पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली से संतुष्ट लोगों ने अभियुक्त की ओर से पुलिस अधीक्षक व सरकार पर लगाए गए आरोपी को उचेष्टा पूर्ण और गरिमा के विरुद्ध बताया है। कहा कि एक ईमानदार पुलिस अफसर की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया।
इससे पुलिस विभाग और अधिकारियों का मनोबल टूटता है। लोगों ने पूरे प्रकरण की एसआईटी जांच कर कर आरोपित अपराधी पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है, ताकि कोई अपराधी इस तरह अधिकारियों पर दबाव बनाकर खुद को कानूनी चंगुल से बचने का प्रयास न कर सकें।